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कोटा तहसीलदार ने कहा महिला जनपद सदस्य से खुद भी कुछ करो बस आर्डर दोगे क्या नहीं कर सकते तो घर बैठो ?

महिला जनपद सदस्य ने कहा – जनपद सदस्य बनकर गलती हुई या तहसीलदार को फोन करके ।

पहले भी रह चुका है विवादों से नाता ।

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 18.05.2020

 

करगीरोड कोटा – कोटा में कल शाम दो ट्रकों में भरकर लोग आए और कोटा के जयस्तंभ चैक पर ट्रक उन्हें उतार कर चले गया । इसके बाद दो ट्रकों में भरकर आए महिला बच्चे बुजुर्ग और आदमी सब तरफ बिखर गए । कुछ फिर यहां से किसी साधन के जुगाड़ में थे तो कुछ पैदल ही निकल गए । प्रशासन लाख दावे करें कि ऐसे लोगों के लिए जगह जगह खाने पीने की सुविधा है । और इन्हें ले जाने की लिए वाहन की व्यवस्था करवाई जाएगी लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है ।


जयस्तभं चैक से मजूदरों का रैला बिलासपुर की तरफ निकला तो पेट्रोल पंप से आगे एक घर के बरामदे में सभी रूक गए तीस चालिस लोगों की भीड़ देखकर मकान मालिक भी सकते में आ गए । बाद में दुबे परिवार ने उनकी स्थिति देख बच्चों को बिस्कुट और खाना उपलब्ध कराया ।


इसी समय जनपद सदस्य क्षेत्र क्रमांक 18 की अश्वनी टोडर वहां पहुंची तथा उन्होंने लोगों से बात की तो पता चला कि ये सभी लोग मध्यप्रदेश से आ रहे है । यहां तक ट्रक में पहुंचे हेैं तथा इसके बाद किसी प्रकार की व्यवस्था ना होने के कारण वे पैदल ही अपने गांव की तरफ निकल रहे है । उनकी तकलीफ जानकार जनपद सदस्य ने कोटा तहसीलदार प्रमोद गुप्ता से बात की तो उनका जवाब सुनकर जनपद सदस्य अवाक रह गई ।

जनपद सदस्य अश्वनी टोडर ने बताया कि मैने जब तहसीलदार को फोन किया तो उनका कहना था – आप लोग जनप्रतिनिधि हैं आप लोग कुछ किजिए । आप लोग क्या बस आर्डर ही देते रहोगे । कुछ नहीं कर सकते तो जाने दो जो जहां जा रहा है । घर में बैठो जैसे हम बैठे हैं । यहां कोई अजट बजट नहीं है किसी के लिए । जनपद सदस्य ने आरोप लगाया कि जब प्रशासन को कुछ करना ही नहीं है तो फिर इतना कलेक्शन क्यों किया गया सभी से । तहसीलदार ने जिस तरह से बात की और जैसा अभद्र व्यवहार उनका था उससे तो मुझे लगने लगा कि क्यों मैने इन्हें फोन कर दिया या क्यों मैं जनपद सदस्य बन गई ।


ये सही है कि इतने लोगों की व्यवस्था कर पाना सभी के बुते की बात नहीं है । लेकिन जब प्रशासनिक अधिकारी ये कहें कि उनसे भी व्यवस्था नहीं होगी तो फिर बात गंभीर हो जाती है । जनपद सदस्य के इस आरोप की भी जांच होनी चाहिए कि जब बाहर से आए लोगों की पूरी व्यवस्था पंचयत कर रही है तो फिर जो कलेक्शन हुआ उसका क्या हुआ ? कहां खर्च हुआ ? और कितना किस किस से कलेक्शन हुआ ?

ये समय जिम्मेदारी को किसी पे टालने की नही होनी चाहिए । ये समय सभी को सभी के सहयोग करके , उनकी बातों को सुनकर और शालिनता से बात कर के सुलझाने की होनी चाहिए लेकिन जिस प्रकार का व्यवहार तहसीलदार ने महिला जनपद सदस्य के साथ किया है वो आपत्तिजनक है और निंदनिय है । एक अधिकारी को किसी भी महिला जनप्रतिनिधि से इस तरीके से बात नहीं करनी चाहिए ।
इस संबंध में हमने कोटा तहसीलदार प्रमोद गुप्ता से जानकारी लेने के प्रयास किया लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया ।

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