करगी रोडकोरबापेंड्रा रोडबिलासपुरभारतमरवाहीरायपुरविचारशिक्षा

क्या आप जानते हैं पहले कोरबा कटघोरा का उपतहसील था ।

प्रदेश के हाॅट स्पाॅट बने कटघोरा के बारे में जानिए ।

क्या है कटघोरा का इतिहास !

 

दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 10.04.2020

Sanjeev Shukla
Sanjeev Shukla

कोरबा – नेशनल हाईवे नम्बर 111 बिलासपुर से अंबिकापुर दूरी 224 किमी । लेकिन इस 224 किमी के बीच 38.2 मील यानी 61 वे किमी पर पड़ता है वो शहर जो इन दिनों प्रदेश में कोरोना वायरस का हाॅट स्पाॅट बन चुका है ।

पिछले कुछ दिनों में यहां से कोरोना पाजिटिव के नौ केस सामने आने के बाद प्रशासन ने इसे पूर्णतः सील कर दिया है । चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है और अब एक एक नागरिक का टेस्ट किया जाएगा । लेकिन इतने हाॅट नगर का इतिहास क्या है ? आज प्रदेश का हर नागरिक इस शहर के बारे मे जानना चाहता है ।

 

इसलिए हमने सोचा हम आपको कटघोरा का इतिहास बताते हैं । वो इतिहास जो अपने आप में बहुत सम्पन्न और विशालता लिए हुए है । एक समय ये नगर प्रशासनिक कामकाज का केन्द्र बिन्दु हुआ करता था । आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि जिस कोरबा जिले के तहत अब ये नगर आता है कभी कोरबा इसका उपतहसील हुआ करता था । लेकिन कटघोरा का इतिहास यहां से नहीं इसके कई सौ साल पहले से शुरू होता है ।


सन् 1864 अंग्रेजों के शासन का एक काल । इस समय अंग्रेज अधिकारी रिचर्ड टेपर ने ब्रिटिश अनुशासनात्मक ईकाई के रूप में इसका गठन किया । फिर सन् 1912 में इसे तालुका बनाया गया जो कि प्रशासनिक गतिविधियों का केन्द्र बिन्दु बना । 1947 को आजादी के बाद बिलासपुर के पांच उपखंडों में से एक कटघोरा भी था । और इसी समय कोरबा जो आज जिला है कटघोरा का उपतहसील हुआ करता था ।

काफी समय तक कोरबा कटघोरा के उपतहसील के रूप में काम करता रहा । फिर आया सन् 1980 का वो समय जब कोरबा कटघोरा से अलग होकर एक पूर्ण तहसील बना ।
1982 में जब कटघोरा मध्यप्रदेश का हिस्सा था उसी समय इसे नगर पालिका का दर्जा दे दिया गया था और इसके पहले अध्यक्ष नियुक्त हुए माखन लाल शुक्ला जिन्होंने तीन साल 1982 से 1985 तक यहां की कमान संभाली ।

बिलासपुर अंबिकापुर और कोरबा के  बीच पड़ने वाला कटघोरा इन दिनों प्रदेश में कोरोना पाजिटिव का हाॅटस्पाॅट बन गया है । लोगों की नजर हर पल इस शहर की तरफ लगी है कि कहीं और मामले यहां से ना निकल जाए । यहां की एक मस्जिद से जमातियों के मिलने के बाद से ही ये ईलाका संवेदनशील हो गया था और अब एक के बाद एक पाजिटिव केस ने इस पूरे शहर को प्रशासन की निगाह में ला दिया है ।

दो दिन पहले तक जहां प्रदेश में कोरोना को लेकर स्थिति नियंत्रण में थी उसे एक झटके में कटघोरा ने हिला दिया । 24 घंटे पहले जो नगर अपनी आवश्यकताओं की चिजों के लिए खुलता था अब बंद है । पिछले 24 घंटे में इस शहर के चप्पे चप्पे पर पुलिस का पहरा है । सीमाएं सील हैं और सिर्फ पुलिस के कदमों और गाड़ियों की आवाज है ।

स्वास्थ्य महकमा अपनी पुरी शक्ति से हालात का काबू करने में जुट गया है । उम्मीद है अब राहत की ही खबर आएगी । इस संकट के समय में आप सब अपने घरों पर रहिए , सुरक्षित रहिए । ये समय हर हाल में शासन और प्रशासन की बात मानने और उसे सहयोग करने का है । क्योंकि इसी से हम कोरोना को मात दे सकते हे।

 

Related Articles

Back to top button