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गुरूघासी दास राष्ट्रीय उद्यान बना भ्रष्टाचार का हाॅट स्पाॅट ।

बिन मौसम ही बह गए वन विभाग के पुल पुलिया ।

 

दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 10.04.2020

बैकुंठपुर -एक ओर जहा कोरिया जिला मुख्यालय स्तिथ गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में बीच बीच मे बाघों के देखे जाने को लेकर खुशी की लहर बनी रहती है वहीं शासन द्वारा राष्ट्रीय उद्यान में जिले के विभिन क्षेत्रों पे कई विकास मूलक कार्य कराये जाने की होड़ भी जारी है !

 कोरिया जिले में स्थित गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में कई कार्य कराये जा रहे है जिनके शुरू होते ही अक्सर सुर्खियों में आ जाते हैं पार्क क्षेत्र में कराए जा रहे निर्माण कार्य,आपको बता दें कि निर्माण एजेंसी जल संरचनाओ के निर्माण में धन की होली खेलने से बाज नहीं आते है चाहे भले ही कार्य होने के बाद निर्माण कार्य पूरी तरह ध्वस्त हो जाए या फिर बह जाये, !

 अगर हम उक्त रिजर्व फॉरेस्ट के कार्यों में तकनीकी जानकारों की निगरानी में कार्य की बात करें तो इन क्षेत्रों में ना तो कोई डिग्री धारी तकनीकी विशेषज्ञ होता है और ना ही कोई मार्गदर्शन बल्कि वहां पर पदस्थ अधिकारी सभी निर्माण कार्य को स्वयं ही कराते है व निर्माण की रूप रेखा व डिजाइन भी स्वयं ही तैयार करते है आपको बता दें कि कराए गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और मापदंडों का कुछ पता नहीं होता पार्क अधिकारियों द्वारा कराए गए निर्माण कार्य ज्यादातर उपयोग के लायक नहीं होते या फिर वो डिस मेंटल की तरह हो जाते हैं !

 कार्यों को दोबारा कराने के नाम बड़ी राशि को खपाने का खेल आपको बता दें कि इस वर्ष रामगढ़ छेत्र में लगभग 8 लाख की लागत से तालाब का निर्माण कार्य कराया गया था जिसका उद्देश्य ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराना व जंगली जानवरो को पानी की उपलब्धता कराना था किन्तु विभाग सदैव अपनी मर्जी के ही निर्माण कार्य को बिना किसी तकनीक का सहारा लिये ही पूर्ण कर लिया गया था जो विगत कुछ दिनों पूर्व हुए हल्के बारिश मात्र से ही तालाब का मेड टूट गया जिससे अब यह तालाब शो पीस बनकर रह गया है वही अधिकारी अब इसे मरम्मत कर जल्द ही ठीक करने का दावा कर रहे है जब कि इसके पुर्व भी पार्क छेत्र में कछाडी में लगभग 20 लाख से बनाया हुआ डेम हल्की बारिश में ही वर्ष 2016 में बह गया था फिर भी अधिकारी व विभाग ने किसी भी किसी सिविल तकनीक का सहारा लेना उचित नहीं समझा जिससे पार्क छेत्र में हो रहे और इसी बात पर आए दिन निर्माण कार्यों पर सवाल उठता रहता है ।
मिली जानकारी अनुसार कोरिया जिला स्थित गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को अब टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया है जहा वन्य प्राणियों के लिए पानी उपलब्ध कराने जल संचय हेतु तालाब निर्माण का कार्य स्वीकृति हुआ जहा वर्ष 2019/20 में ही राष्ट्रीय उद्यान के रामगढ परिक्षेत्र के बाघवार बीट में लगभग 08 लाख की लागत से घनघोर जंगल में वन्य प्राणियों के लिए निर्माण कार्य करवाया गया। इस दौरान विगत कुछ महीनों के अंतराल में रूक रूक कर बारिश होती रही है, जहा बारिश के दौरान ही तालाब का एक बडा हिस्सा फूट गया व तालाब का पानी बह गया ।वैसे सरकारी तालाब फूटने और बहने की घटना अक्सर बारिश के मौसम में ही देखने का मिलता हैं परन्तु बेमौम बारिश में तालाब फूट जाए तो आसानी से समझा जा सकता है कि गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में निर्माण कार्यो की गुणवत्ता का क्या हाल होगा। वहीं ग्रामीणों की माने तो जैसे तैसै फटाफट रातो रात पार्क क्षेत्र में जेसीबी की मदद से तालाब का निर्माण कराया गया था तालाब की ज्यादा खुदाई भी नहीं की गई, तालाब से निकली मिट्टी को केाने में रख दिया गया है, उसका सही ढंग से काम्पेक्शन भी नहीं किया गया, जिसके कारण तालाब हल्की बारिश में फूट गया।

ठेकेदार ने किया काम- पार्क के रामगढ परिक्षेत्र में इस तालाब का निर्माण एक ठेकेदार ने किया , जहा ठेकेदार ने सप्ताह भर में ही जेसीबी के माध्यम से चंद घंटों में तालाब का निर्माण भी कर दिया जब भी राष्ट्रीय उद्यान में मशीन प्रतिबंधित है फिर भी राष्ट्रीय उद्यान के कई परिक्षेत्रों में जेसीबी से तालाब और निर्माण कार्यो का फटाफट अंजाम दिया गया जिसका जीता जागता उदाहरण रामगढ के बाघवार बीट में बना ये तालाब है जो कुछ ही माह में हल्की बारिश में फूट गया ।

क्या कहते हैं अधिकारी – एस के सिंह ,रामगढ़ परीछेत्र अधिकारी राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर -इस संबंध में अधिकारी का कहना है कि तालाब फूट गया है जिसे लॉक डाउन खत्म होते ही बनवा दिया जाएगा इस वर्ष ज्यादा बारिश होने के कारण तालाब का मेड टूट गया जिसकी जानकारी उच्च अधिकारी को दिया गया है आकस्मिक व्यय से इसका मरम्मत करवा देगे।

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