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छत्तीसगढ़ के नए कोरोना स्पाॅट सूरजपुर का क्या है इसका इतिहास ।

और क्या है यहां के कोरोना पाजिटिव की हिस्ट्री ।

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 29.04.2020

Sanjeev Shukla

सूरजपुर – सन 2012 छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार और प्रदेश के मुखिया थे डा रमन सिंह । जनवरी 2012 में प्रदेश सरकार ने सरगुजा से अलग करके दो नए जिले बलरामपुर और सूरजपुर का गठन किया । 19 जनवरी 2012 को इस जिले का लोकार्पण हुआ । तब से सूरजपुर की गिनती छत्तीसगढ़ के एक जिले के रूप में होने लगी । प्रदेश की राजधानी रायपुर से लगभग 343 किमी की दूरी तय करके इस जिला मुख्यालय पहुंचा जा सकता है ।


सूरजपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 43 से भी जुड़ा है और यहां से वाराणसी , बिहारपुर , वाईधन , सिंगरौली ,बिलासपुर , रायपुर तथा भिलाई होते हुए महाराष्ट्र नागपुर निकला जा सकता है तो वहीं राजमार्ग 78 से जुड़ने के कारण यहां से रायपुर ,बिलासपुर , रायगढ़ , कटनी , नागपूर ,इलाहाबाद , वाराणसी ,रांची , कोलकाता तथा भुवनेश्वर और कटक जाया जा सकता है ।


यदि 2011 की जनगणना को देखा जाए तो सूरजपुर का क्षेत्रफल 2.787 किमी , जनसंख्या 6 लाख 60 हजार 280 है तथा घनत्व के हिसाब से प्रति किमी 237 की आबादी है ।

प्रदेश में कोरबा कटघोरा के हाॅट स्पाट बनने के बाद ये दूसरा जिला है जहां से एक साथ दस कोरोना पाजिटिव के मामले सामने आए हैं । सूरजपुर के प्री मैट्रिक छात्रावास जजावल में क्वारंटाईन सेंटर बनाया गया है । जहां झारखंड और उत्तर प्रदेश के करीब 106 मजदुरों को क्वारंटाईन करके रखा गया था जो यहां से अपने प्रदेश जा रहे थे । इन मजदूरों के खाने पीने और अन्य व्यवस्था के लिए लगभग 51 लोग और थे याने कि यहां कुल मिलाकर 167 लोग थे ।


जानकारी ये भी है इन मजदूरों से ट्री गार्ड बनवाया जा रहा था साथ ही इनके मनोरंजन के लिए व्हालीबाॅल भी खेलने की सुविधा थी । याने क्वारंटाईन सेंटर में सोशल डिस्टेंस का कोई नियम नहीं रहा होगा अब लोग व्हालीवाल तो एक एक मीटर की दूरी से नहीं खेल सकते और ट्री गार्ड बनाते समय भी औजारों के जरीए एक दुसरे के संपर्क में आए होंगे । कल शाम झारखंड के एक मजदूर के कोरोना पाजिटिव होने की पुष्टि हुई उसके कुछ देर बाद ही यहां से नौ और केस सामने आए इसमें एक पुलिस का जवान भी था जिसकी डयूटी इस कैम्प में लगी हुई थी । इतनी बड़ी संख्या में कोरोना पाजिटिव आने के बाद प्रशासन भी हील गया और अब सभी के टेस्ट करने में लगा है ।


प्रदेश में इन दिनों दुसरे राज्यों से चलकर आने वाले मजदूरों की संख्या बढ़ते जा रही है । ये समझ नहीं आ रहा है कि इतनी पुलिस और चेक पोस्ट के बाद भी ये कैसे छत्तीसगढ़ के अंदर पहुंच कर गांव तक आ जा रहे हैं ।

जानकारी ये भी मिली है बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड के कोंचरा तरफ लगभग आठ दस मजदूर हैदराबाद से ही पेैदल चल कर पहुंच गए हैं । जानकारी मिली है कि इन्हें भी कोंचरा में एक जगह क्वारंटाईन कर दिया गया है ।

प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का  निर्णय सहीं था कि प्रदेश की सीमाएं खोली नहीं जाएंगी यदि सीमाएं खुली तो बाहरी राज्य से लोगों का आना जाना शुरू हो जाएगा । लेकिन अब जिस प्रकार से बाहरी प्रदेश से लोग चुपचाप अंदर आ रहे हैं ये आने वाले समय में खतरनाक हो सकता है । प्रशासन को इस दिशा में कड़ाई करनी चाहिए ।

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