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प्रदेश में 1 प्रतिशत भी टेस्ट नहीं , ऐसे में ग्रीन ,आरेंज या रेड जोन की क्या अहमियत ।

छत्तीसगढ़ में आने वाले दिनों में बदल सकते हैं हालात ।

बाहर से थोक में आने वाले मजदूर बढ़ा सकते हैं संख्या ।

 

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 04.05.2020

 

Sanjeev Shukla

रायपुर – प्रदेश को लाॅकडाउन तीन के पहले ही बुरी खबर मिली जब प्रदेश सरकार ग्रीन और आरेंज जोन में कुछ ढिलाई के लिए योजना बना रही थी उसी समय बाहर प्रदेशों से आए मजदूरों की सेम्पल रिपोर्ट आई और वो रिपोर्ट चिंता बढ़ाने वाली थी । दुर्ग और कवर्धा संभाग में बाहर से आए मजदूरों को क्वारंटाईन सेंटर में रखा गया है और सेम्पल जांच किया गया जिसमें से कवर्धा में 6 और दुर्ग संभाग में 8 पाजिटिव संक्रमित निकले । इसके बाद फिर जिला प्रशासन के अधिकारी देर रात तक बैठक करते रहे ।

स्वास्थ्य विभाग ने कल जो आंकड़ा जारी किया है उसके अनुसार अभी तक प्रदेश में मात्र 19902 सैम्पल ही लिए गए हैं याने प्रदेश की जनसंख्या का  1 प्रतिशत से भी कम । 2011 के जनसंख्या के अनुसार प्रदेश की जनसंख्या 25545198 है 2019 तक ये जनसंख्या और बढ़ गई होगी , लगभग दो करोड़ पचपन लाख से उपर की आबादी में से मात्र 19़902 लोगों का सैम्पल चिंताजनक है । जब जांच ही नहीं हुई तो फिर रेड आरेंज और ग्रीन जोन का क्या मतलब या ये जोन कितने सहीं आंकड़े दे रहे होंगे ये तो बड़े स्तर पर जांच के बाद ही सामने आएगा ।

सरकार द्वारा जारी संभागवार आंकड़े यदि देखे तो दुर्ग संभाग में 4017 , रायपुर संभाग में 4733 , बिलासपुर संभाग में 6368 ,सगुजा संभाग में 1816 और बस्तर संभाग में 2796 जबकि बाहर से आने वाले लोगों में से 172 लोगों के सैम्पल लिए गए हैं । 19902 सैम्पल में निगेटिव केस 18848 और पाजिटिव केस 57 सामने आए हैं । इनमें से दुर्ग संभाग में 16 , रायपुर संभाग में 6 ,बिलासपुर संभाग में 29 जिसमें से 28 कोरबा से है , सरगुजा संभाग से 2 और बस्तर संभाग में एक भी पाजिटिव नहीं मिला है ।

बाहर प्रदेश से थोक के भाव आने वाले मजदूरों के रहने खाने और जांच की समस्या प्रशासन के सामने आने वाली है इसके अलावा अधिकतर क्वारंटाईन सेंटर शहर के बीचो बीच या ऐसी छोटी जगहों पर बनाए जा रहे हैं जहां दो या तीन कमरे हैं और शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है ऐसे में इन बाहर से आए हुए लोगों की व्यवस्था के साथ स्थानीय लोगों की व्यवस्था का भी ध्यान रखना होगा जिससे हालात बिगड़े नहीं।  प्रशासन को चाहिए इस समय ब्लाक स्तर पर क्वारंटाईन सेंटर बनाए जाए जिसमंे आश्रम ,हास्टल या हाईस्कूल के लिए बने डबल स्टोरी भवन का चयन किया जा सकता है । गांव में किसी प्राथमिक स्कूल या ऐसी छोटी जगहों पर व्यवस्था बेहतर नहीं हो पाएगी ।

इसके अलावा सभी प्रशासनिक अधिकारियों को अपने ब्लाक मुख्यालय में रहने का आदेश दिया जाए जिससे हर समय उनकी नजर इन स्थानों पर रहे और लोग दिक्कत के समय उनसे सम्पर्क कर सके । क्योंकि अधिकतर ब्लाक मुख्यालय के अधिकारी अपने मुख्यालय में नहीं जिला मुख्यालय में निवास करते हैं ।

बहरहाल हम उम्मीद कर सकते हैं कि प्रशासन और राज्य सरकार जो भी कदम उठाएगी प्रदेश ओर उसके लोगों की बेहतरी के लिए होगा । ऐसे में हम सभी का कर्तव्य है कि हम प्रशासन की हर गाईड लाईन का पालन करें तथा प्रदेश में कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मदद करें । दबंग न्यूज लाईव भी सभी प्रदेशवासियों से निवेदन करता है कि घर पर ही रहे और कम से कम बाहर निकले यदि अतिआवश्यक हो तो मास्क का उपयोग करें और सोशल डिस्टेंस के नियम का पालन करें तथा सेनेटाईज का उपयोग समय समय पर करें । आप सुरक्षित तो प्रदेश और देश सुरक्षित ।

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