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प्रधानमंत्री आवास तभी बनेगा जब नेता से बनेे कर्मचारी को चढ़ावा दोगे ।

आवास आता है किसी और का बल्ले बल्ले होती है कर्मचारियों और ठेकेदारों की ।
यहां के सीएमओ भी वहीं कहते हैं जो बाकी अधिकारी कहते हैं – देखता हूं ।

दबंग न्यूज लाईव
रविवार 28.06.2020

 

डोगरगढ़ – ’’ देखता हूं ’’ ये ऐसा शब्द है जो अमूमन 99.9 प्रतिशत अधिकारी उस समय कहते हैं जब कोई पत्रकार या मीडिया किसी मामले पर उनसे जानकारी चाहता है । बाद में अधिकारी एक बात और बोलते हैं  ’’ कार्यवाही की जाएगी ’’ लेकिन यकीन मानें ना तो अधिकारी देखते हैं और ना ही कार्यवाही होती है । नतीजा ये होता है कि अव्यवस्था वैसे ही रहती है और कमीशन का खेल चलते रहता है । इस बार व्यक्तव्य दिया है डोंगरगढ़ नगरपालिका के सीएमओ ने और मामला है यहां बनने वाले प्रधान मंत्री आवास में नगर पालिका के कर्मचारियों के भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी को लेकर ।

डोंगरगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना के जिस हितग्राही का आवास स्वीकृत होता है उसे पहले नगरपालिका के कर्मचारी को कमीशन देना होता है ये कमीशन सभी को मिलता है । कहने को भले ही पीएम आवास योजना में राशि हितग्राही के खाते में आती है लेकिन सभी जानते हैं इसमें काम कैसे होता है ं। नगर पालिका के कर्मचारी से लेकर ठेकेदार लोग मलाई खाते और धड़ल्ले से खाते हैं क्योंकि उनके पास जवाब होता है राशि तो हितग्राही के खाते में गई है हमें क्या पता उसने क्या किया है ?


डोगरगढ़ में भाजपा के एक पार्षद और हितग्राहियों ने नगरपालिका के कर्मचारी पर कमीशन लेने का आरोप लगाया है । पार्षद और हितग्राही का कहना है कि जब तक यहां कमीशन नहीं दिया जाता तब तक फाईल ही आगे नहीं बढ़ती कर्मचारी जानबुझकर फाईल को रोक देता है । इस कमीशनखोरी से परेशान होकर भाजपा पार्षद ,कार्यकर्ता और हितग्राहीयों ने आज नगर पालिका के सीएमओ हेमशंकर देशलहरे की आफीस का घेराव कर दिया । बीजेपी पार्षद ने प्रति आवास चार हजार रूपए कमीशन लेने का आरोप लगया । मीडिया ने जब सीएमओ से पूरे मामले में जानकारी चाही तो सीएमओ देशलहरे ने वहीं कहा जो हमने उपर लिखा है कि देखता हूं ।
भाजपा के पूर्व पार्षद और वर्तमान में पार्षद पति नईम खान ने सीधा सीधा आरोप लगाते हुए कहा है कि – नगर पालिका में बैठे दौलत मिश्रा के द्वारा बिना कमीशन के काम नहीं किया जाता । जब तक उनको पैसे ना दो वे कुछ काम ही नहीं करते ।

वहीं अपने उपर लगे इल्जाम पर दौलत मिश्रा का कहना था -ऐसा आरोप लगाना उनका काम है वो विपक्ष में है इसलिए बोल रहे हैं । सत्ता में कांग्रेस हेै इसलिए भाजपा के लोग बोल रहे और भाजपा कांग्रेस के पार्षद भी नहीं बोल रहे पार्षद पति है वो बोल रहे उनको अधिकार ही नहीं बोलने का ।
अब दौलत मिश्रा जी को कौन समझाए कि दुसरे को अधिकार और कर्तव्य तब सिखाएं जब खुद अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी से निभाया जाता हो । और फिर जरूरी नहीं है कि पार्षद हो तभी आवाज उठाया जाए शहर का एक आम आदमी भी सवाल कर सकता है और उसका जवाब अधिकारी कर्मचारी को दुसरे पर आरोप लगाने की जगह शालिनता से देना चाहिए ।

सीएमओ हेमशंकर देशलहरे का कहना था – मैं जांच करता हूं जांच करने के बाद कार्यवाही होगी ।

 

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