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भाजपा आला कमान ने कहा सोशल डिस्टेंसिंग रखकर विरोध करना है।

कोटा भाजपा मंडल अध्यक्ष ने तोड़ा लाक डाउन और आला कमान का फरमान ।

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 12.05.2020

 

करगीरोड कोटा –प्रदेश भर में शराब दुकान खुलने को लेकर अलग अलग संगठन और व्यक्तिगत तोैर पर प्रदेश सरकार की इस नीति की आलोचना हो रही है कि ऐसे समय भी सरकार ने अपने फायदे को देखते हुए शराब की दुकानें खोल दी । कई कांग्रेस विधायकों ने भी शराब दुकान खोलने के फैसले का विरोध किया तथा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा ।

लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा मे रहा कल के भाजपा का विरोध । लाॅक डाउन और धारा 144 को देखते हुए भाजपा ने निर्णय लिया कि वो अपने अपने घरों के सामने ही तख्तियां लेकर सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए राज्य सरकार के इस फैसले का विरोध करेगी । दिन और समय तय हो गया । पार्टी के उच्च स्तर से लेकर गांव स्तर तक के कार्यकर्ता जोश में आ गए कि बहुत दिन बाद पार्टी का काम करने का मौका मिला है ।

कल याने मंगलवार को दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक संभवतः सभी जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया । और खुद की फोटो खिंच खिंच के सोशल मीडिया में पोस्ट की और प्रदेश सरकार की शराब नीति के खिलाफ माहौल बनाया ।

लेकिन इस बीच कोटा भाजपा मण्डल के अध्यक्ष भागवत प्रसाद साहू ने सारे नियमों को ताक पर रखते हुए मजमा लगा लिया और फोटो भी पोस्ट कर दिया । सोशल मीडिया पर फोटो दौड़ने लगी और उन पर लाॅक डाउन के नियमों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लघंन करने का आरोप लगने लगा ।

भाजपा कोटा के वार्ड पार्षद दो और तीन के प्रतिनिधियों प्रदीप कौशिक और नरेन्द्र गोस्वामी ने भी विरोध प्रदर्शन किया इस दौरान उनके साथ भाजपा उपाध्यक्ष दुर्गेश साहू भी थे ।

कांग्रेसियों ने भाजपा के इस विरोध प्रदर्शन का काफी मजाक बनाया कि पंद्रह साल जो सिर्फ शराब ही बेचते रहे उन्हें अब प्रदेश में शराबबंदी होना । इतने ही शुभचिंतक थे तो क्यों नहीं पंद्रह साल में बंद कर दिया ।
भाजपा का कहना है कि हमने तो नहीं किया आप तो घोषणा पत्र में गंगाजल लेकर आए थे कि सरकार बनी तो शराब बंद कर दी जाएगी । हमारा विरोध तो इस बात को लेकर है कि जो दावे किए थे उसका क्या ।

लेकिन इस समय भी प्रदेश में शराब को ही लेकर दोनों पार्टीयां आमने सामने हैं । अच्छा होता यदि विपक्षी पार्टी भाजपा कांग्रेस से ये पूछती कि कोरोना संक्रमण को लेकर आपकी क्या नीति है ये बताईए ? कितने अस्पताल तैयार हैं ? कितनी पीपीई किट मौजूद है ? पैदल चल कर मर रहे मजदूरों के लिए क्या नीति है ? भूखे धूप में परेशान हो रहे लोगों के लिए आपकी क्या नीति है ? क्वारंटाईन सेंटर मे हाल बेहाल है ? यहां ना तो स्टाफ है ना ही खाने पीने की व्यवस्था ऐसे में लोग कैसे यहां रहेंगे ? लेकिन भाजपा ने इन सवालों में से एक सवाल भी नहीं पूछा ।

बहरहाल इतना तय है कि प्रदेश की आय का  सबसे बड़ा जरिया शराब ही है और कोई भी सरकार अपने कमाउ पूत को छोड़ना नहीं चाहेगी फिर वो कांग्रेस हो या भाजपा । इसलिए ऐसे विरोध प्रदर्शन होते रहेंगे माहौल बनता रहेगा । राजनैतिक पार्टीयां शराब नीति का विरोध करके मजे में है तो बेवड़े भाई लोग शराब पीकर मजे में है और सरकार शराब से पैसे कमा कर । इसलिए आप भी मजे में रहिए ज्यादा टेंशन ना पालें ।

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