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भारतीय इंजिनियरिंग की बेजोड़ मिसाल ।

सात साल बना पूल हुआ बीचो बीच दो टुकड़ा ।

याद आया तुर्काडीह पुल ।

दबंग न्यूज लाईव
रविवार 10.05.2020

 

जांजगीर – आपने धरती को दो टुकड़े होते हुए शायद रामायण में देखा हो जब माता सीता धरती में समाने का प्रण करती हैं और धरती बीचो बीच दो टुकडों में विभाजित हो जाती है । लेकिन यकिन मानिए उस काल के बाद आज के युग में भी ऐसा ही कुछ हुआ है और ये हुआ भारतीय इंजिनियरिंग की बदौलत । ये आश्चर्यचकित करने वाला कारनामा हुआ जैजेपुर और मालखरौदा को जोडने वाले एक पुल पर । ये पुल मालखरौदा और जेैजेपुर के बीच रास्ते में सिल्ली और मांदरगोढी गांव के बीचो बीच पड़ता है ।


कल शाम इस गांव को जोड़ने वाला पुल बीच से दो फाड़ हो गया वैसे ही जैसे धरती दो फाड़ हुई हो या फिर कुल्हाड़ी से किसी लकड़ी को चिर दिया जाता है । ये अच्छा हुआ कि इस दौरान लाॅकडाउन चल रहा है और शनिवार रविवार को पूर्ण लाक डाउन के कारण इस पूल पर आवाजाही नहीं थी वर्ना बड़ा हादसा हो जाता । हादसा तो अभी भी हुआ है क्योंकि मालखरौद और जेैजेपुर को जोड़ने वाला मार्ग बंद हो गया ।


एक जानकारी के अनुसार इस पूल का निर्माण सात साठ साल पहले भाजपा के शासन काल में हुआ था । अब भाजपा के शासन काल में हुआ तो कांग्रेस तो आरोप लगाएगी ही कि घटिया काम हुआ ,भ्रष्टाचार हुआ सही भी है यदि ये कांग्रेस काल में होता तो भाजपा यहीं आरोप लगाती । लेकिन इन राजनैतिक बयानबाजी के बीच इस पुल से आने जाने वाले स्थानीय लोग और ये टुटा पुल दोनों धराशायी हो गए ।


स्थानीय लोगों ने जिला कांग्रेस के अध्यक्ष चोैलेश्वर चंद्राकर को जानकारी दी तो वे तत्काल वहां पहुंचे और हालात की जानकारी ली । मीडिया से बात करते हुए उन्होंने भाजपा सरकार पर वार करते हुए भ्रष्टाचार को गिनाया उन्होंने ये भी कहा कि लाॅकडाउन के कारण बड़ा हादसा बच गया ।
कुछ लोगों ने मीडिया पर भी अपनी भड़ास निकाली कि पत्रकार आते हैं दो चार फोटो खिंचते हैं और चले जाते हैं । फिर कुछ नहीं करते ।
इस पुल ने बिलासपुर के तुर्काडीह पुल की याद दिला दी जब नए नए बने उस पुल की हालत भी ऐसे ही हो गई थी । उस समय भी खूब बवाल मचा लेकिन ठेकेदार भाजपा विधायक के संबंधी थे तो कार्यवाही कुछ हुई नहीं । फिर कार्यवाही करे कौन सभी तो एक दुसरे से जुड़े रहते हैं । दिक्कत तो आम जनता को होती है ।
इस टुटे पुल की तस्वीर आप भी देखिए और सोचिए कि इंजिनियरिंग की ऐसी मिसाल और विभागीय ईमानदारी की ऐसी तस्वीर और कहां मिलेगी ।

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