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44 घंटे जंगल में रहने के बाद नसीब हुई क्वांरटाईन सेंटर की छत ।

मस्तुरी से तेरह तारीख की रात को लाए गए मजदूरों को दबंग न्यूज लाईव के पहुंचने के बाद ले गए सेंटर ।

तीन दिन से जंगल में ही रह रहे थे मजदूर ।

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 15.06.2020

बेलगहना – मस्तुरी से तेरह तारीख को एक बस में भर कर लाए गए प्रवासी मजदूरों को तीन दिन जंगल में ही बिताने पड़े । इन्होंने यहीं अपना आशियाना बनाया , खाना बनाया और यहीं दिन काटे । कोटा में अधिकारियों के सुस्त रवैये के चलते लगभग साठ से पेैसठ मजदूर क्वांरटाईन सेंटर की जगह जंगल में दिन रात बिताने को मजबूर होते रहे । आज जब दबंग न्यूज लाईव के संवादददता सुमन पाण्डेय यहां आए तो पंचायत के हाथ पैर फूल गए । और आनन फानन में सभी को ट्रेक्टर में भर के केकराडीह के क्वारंटाईन सेंटर पहुंचाया गया ।


पुरा मामला बेलगहना क्षेत्र का है । यहां तेरह तारीख की रात को मस्तुरी से एक बस में प्रवासी मजदूरों को लाया गया । जिनकी व्यवस्था पंचायत को करनी थी लेकिन पंचायत परेशान कि इनको कहां रखा जाए पूरी रात भटकने के बाद बस जंगल की तरफ चले गई इस बीच उसका डीजल भी खतम हो गया लेकिन किसी ने इस बारे में कोई सुध नहीं ली और सभी को तीन दिन जंगल में ही बनाना खाना और रहना पड़ा ।

प्रशासन ने मस्तुरी से आए इन लोगों की कोई सुध ही नहीं ली । पंचायत ने इतना जरूर किया कि इन लोगों को राशन उपलब्ध करवाया जिससे इन्हें खाना मिला । आज जब दबंग न्यूज लाईव के संवादददता सुमन पाण्डेय यहां आए तो पंचायत के हाथ पैर फूल । इसके बाद पंचायत से सरपंच सचिव सब यहां दौड़ने लगे और आनन फानन में ट्रेक्टर की व्यवस्था करके सभी को केकराडीह के क्वांरटाईन सेंटर ले गए ।

बेलगहना से सचिव मानसिंह का कहना था – कि तेरह तारीख को ये मजदूर यहां आए हैं लेकिन यहां रखने को जगह ही नहीं थी । हम लोग इनके खाने पीने की व्यवस्था कर रहे थे लेकिन उपर से कोई आदेश नहीं आया कि कहां रखना है । अभी अधिकारी लोग बोले कि इन्हें केकराडीह ले जाने के लिए बोले हैं ।

बेलगहना तहसीलदार से इस बारे में बात करने की कोशिश की गई लेकिन साहब लोग फोन ही नही उठाते इस बार भी नहीं उठाते । शायद फोन उठाना साहबगिरी में कमी लाता हो । लेकिन अधिकारियों को समझना चाहिए मीडिया के फोन भले ना उठाए लेकिन जो जिम्मेदारी इन्हें दी गई है वो उसे बेहतर ढंग से निभा लें तो हमे कोई शौक ही नहीं इनको फोन करने का

बाद में हमारी बात कोटा एसडीएम आनंद रूप तिवारी से हुई उनका कहना था कि – अभी उनको केकराडीह सेंटर पहुंचाया गया है । पंचायत राशन उपलब्ध करवा रही थी । वो लोग खुद कहीं जाना नहीं चाहते थे ।उन्होंने ये भी बताया कि बेलगहना के नायाब तहसीलदार की डयूटी रेलवे स्टेशन में लगाई है। आज मैं सुबह से इसी काम में लगा था उसके बाद सभी क्वारंटीन सेंटर में गए हैं ।

लेकिन अब जिम्मेदारी कोई किसी पर भी डाले इतना तय है कि प्रशासन को किसी की चिंता नही है । तीन दिन से लोग जंगल में तंबू तान के रहते रहे और प्रशासन उन्हें सेंटर तक नहीं ले जा पाई । इसलिए हम फिर आपसे निवेदन करते हैं अपना ध्यान और ख्याल रखिए ।

 

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