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हाईकोर्ट ने कहा शराब दुकान नहीं कोरोना परीक्षण लैब खोले ।

बिलासपुर और अंबिकापुर में प्रयोगशाला खोलने की पहल तीन दिन के अंदर शुरू करें ।

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 13.04.2020

बिलासपुर । छत्तीसगढ हाईकोर्ट ने सोमवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कटघोरा में कोरोना के बढते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए बिलासपुर और अम्बिकापुर में कोरोना परीक्षण प्रयोगशाला खोलने 3 दिनों के भीतर कदम उठाने का निर्देश दिया गया है और केंद्र सरकार को अगले 3 दिनों में इसे मंजूरी देने का भी निर्देश दिया गया है। साथ ही शराब की दुकान और बार खोलने के संबंध में गठित समिति को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है।

प्रदेश में अंदर ही अंदर शराब दुकाने खोलने की प्रक्रिया शुरू है । हो सकता है कुछ दिनों में इस बारे में सरकार फिर से काई निर्णय ले ले । कह ही हाईकोर्ट ने भी सरकार से शराब दुकान की जगह कोरोना जांच लैब खोलने के लिए कहा है ।
लेकिन सरकार की तैयारी देखकर लग रहा है कि शराब दुकान के खुलने के बारें में कुछ नया आदेश आ सकता है और ये इसलिए कहा जा रहा है कि कुछ जगह आबकारी विभाग की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं ।

मालूम हो कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में लापता तबलीगी जमात के लोगों की जानकारी और रक्त जाँच, लॉकडाउन में शराब दुकान नहीं खोलने, पुलसिया लॉठीचार्ज, रोज खाने-कमाने वालों को मदद आदि मसलों पर हाईकोर्ट में जनहित याचिकाएं लगाई गई है। जिस पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पहली बार वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए याचिकाओं पर सुनवाई की। मामले पर आज सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कटघोरा की घटना के मद्देनजर राज्य को बिलासपुर व अम्बिकापुर में कोरोना वायरस के लिए परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए 3 दिनों के भीतर कदम उठाने का निर्देश दिया गया है और केंद्र सरकार को अगले 3 दिनों में इसे मंजूरी देने का निर्देश दिया गया है। वहीं राज्य के डीजीपी और स्वास्थ्य सचिव को निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने वाले व्यक्तियों के जिला वार डेटा को सर्च ऑपरेशन और फाइल एफिडेविट के साथ जारी रखने तथा इस संबंध में जानकारी एकत्रित करने का आदेश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई 17 अप्रैल को तय किया गया है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश की शराब दुकानों को शासन द्वारा नियम विपरीत खोले जाने के खिलाफ

आज हाई कोर्ट में वीडियो कोनफ्रेंनसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई मे न्यायमूर्ति द्वय प्रशांत मिश्रा एवं श्री गौतम भादुड़ी की खंडपीठ ने छत्तीसगढ़ बेवरेज कारपोरेशन द्वारा गठित कमीटी को निरस्त कर दिया । 


याचिकाकर्ता ममता शर्मा ने अधिवक्ता रोहित शर्मा के माध्यम से उक्त कमिटी के गठन को चुनौती दी गई थी। उक्त आदेश के साथ याचिका हाई कोर्ट द्वारा निराकृत की गई।

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