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नौ माह बैठे ठाले वेतन लेने वाले शिक्षक की गुंडागर्दी ऐसी जैसे स्कूल उसके बाप दादाओं का हो ।

न्यूज कब्हर करने गए पत्रकार से शर्मनाक हरकत ।
यदि ऐसे शिक्षक प्रदेश के स्कूल में हैं तो स्कूल और बच्चों के भविष्य पर संकट ।

 

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 09.03.2021

हसौद – करोना काल के नाम पर पिछले नौ से दस माह तक घर बैठे पेमेंट लेने वाले गुरूजी की स्कूल पहुंचते ही न्यूज कब्हर करने गए एक पत्रकार से ऐसे दादागीरी करने लगा जैसे स्कूल सरकारी ना होकर उसके बाप दादाओं का हो । स्कूल के टीचर को देखकर कहीं से ये नहीं लग रहा कि ये शिक्षक होगा । यदि प्रदेश की स्कूलों में ऐसे टीचर हैं तो फिर स्कूल ओैर यहां के बच्चों के भविष्य पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगने वाला है और ये इसलिए कह रहे हैं कि विडीयो के अंत में अपने इस अभद्र टीचर का साथ देेते हुए एक छात्र भी पत्रकार के साथ कैसा व्यवहार करने लगता है ये भी देख लिजिएगा ।

प्रदेश में इन दिनों पत्रकारों को न्यूज कब्हर करना और सच दिखाना मंहगा पड़ता जा रहा है लेकिन पत्रकार अपने पेशे को ईमानदारी से निभाते आ रहे हैं । ऐसा ही एक मामला शनिवार को सामने आया जब किकिरदा के स्कूल में टीचर के आराम फरमाने तथा बच्चों के द्वारा क्लास लेने तथा हाजरी लेने की शिकायत मिली । शिकायत के बाद पत्रकार सतानंद जायसवाल को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय किकिरदा पहुंचे तो शिकायत सही मिली । यहां कक्षा से टीचर गायब थे ऐसे में एक छात्रा बच्चों की हाजरी ले रही थी ।


कक्षा में ना तो सोशल डिस्टेंसिग थी और ना ही बच्चों ने मास्क ही लगाया था यहां तक की टिचर तक कक्षा में नहीं थे । पत्रकार ने इस पूरे वाकये को कैमरे में कैद कर लिया । इसी समय यहां के बाहुबली टीचर राजेश मनहर आ गया और पत्रकार से ऐसे व्यवहार करने लगा जैसे स्कूल सरकारी ना होकर उसके बाप दादाओं का हो । अपनी गलती को छुपाने के लिए पत्रकार से छीना झपटी ,गलत भाषा और उसकी उम्र का लिहाज तक नहीं करने जैसे कई अभद्रता की गई । वीडियो देखने से साफ नजर आ रहा है कि गलती और गलत व्यवहार किसका है ।


यदि स्कूल में ऐसे शिक्षक रहेंगे तो वे क्या शिक्षा और कैसा व्यवहार स्कूल के बच्चों को सिखा पाएंगे पता नहीं । शिक्षक को कम से कम शिक्षक पद की मर्यादा तो रखनी ही चाहिए । हसौद के पत्रकारों ने भी अब शिक्षक की गुंडागर्दी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है लेकिन देखना होगा प्रशासन ऐसे अभद्र शिक्षक पर क्या कार्यवाही करती है , और करती भी है कि नहीं ।शिक्षक जितनी उर्जा अपनी गलती छुपाने और पत्रकार को भला बुरा कहने और हाथापाई में कर रहा है उतनी उर्जा यदि अपने स्कूल और बच्चों पर खर्च कर दे तो स्कूल और बच्चे दोनों का भला हो जाए ।

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