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30 घंटे से ज्यादा हो गए आमरण अनशन को प्रशासन बेखबर ।

एसडीएम को जानकारी  ही नहीं कि आमरण अनशन हो रहा है ।
रेल स्टापेज को लेकर जारी है आंदोलन लेकिन सरकार इतनी जल्दी सुन ले ये कैसे होगा ।

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 01.12.2021

करगीरोड कोटा – करगीरोड स्टेशन में रेलवे के स्टॉपेज को लेकर पिछले कई माह से नगर संघर्ष समिति आंदोलन और प्रदर्शन करते आ रही है । इसी क्रम में कल से शहर के युवा राहुल गुप्ता आमरण अनशन पर बैठ गए और आमरण अनशन पर बैठने के पहले इसकी विधिवत जानकारी रेलवे प्रशासन के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को भी दे दी थी ।

कल दस बजे से शुरू हुए भुख हड़ताल को अब लगभग तीस से पैतिस घंटे हो रहे हैं लेकिन ना तो रेलवे प्रशासन ने कोई संज्ञान लिया है और ना ही प्रशासनिक अधिकारियों ने । कल नौ बजे के लगभग दबंग न्यूज लाईव की टीम जब आमरण अनशन पर पहुंची और पता किया तो बताया गया कि सुबह से ना तो डाक्टर की टीम आई है और ना ही प्रशासनिक अधिकारी ही पहुंचे हैं ।


हमने कोटा एसडीएम टी आर भारद्वाज से बात की तो हम ये सुनकर स्तब्ध हो गए कि उन्हें इस आमरण अनशन की कोई जानकारी ही नहीं है जबकि राहुल गुप्ता के द्वारा एसडीएम कार्यालय में इस बात की जानकारी 29 दिसम्बर को ही दे दिया गया था । एसडीएम टी आर भारद्वाज ने दबंग न्यूज लाईव से बात करते हुए कहा कि – मुझे इस अनशन के बारे में किसी प्रकार की जानकारी नहीं है । आप से पता चल रहा है कि ऐसा कुछ हो रहा है । मैं पता करता हूं ।


प्रशासनिक कार्यालयों की ये कार्यशैली निहायत ही निंदनीय है कि डिस्पैच विभाग अपने अधिकारी को महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध नहीं करवा पाता । कोई अपनी शिकायत लेकर आफिस जाए और अधिकारी ना मिले तो वो अपना आवेदन इस विश्वास के साथ कार्यालय में छोड़कर आता है कि अधिकारी के आने पर उसका आवेदन अधिकारी के समक्ष होगा लेकिन डिस्पैच में बैठा बाबू उस आवेदन को रद्दी की टोकरी में डाल देता है ।

इसके बाद हमने कोटा बीएमओ संदीप द्विवेदी से ये पता किया कि क्या डाक्टरों की टीम आकर राहुल गुप्ता की जांच करने नहीं आएगी कि दिन भर से भुखे और अनशन पर बैठे राहुल की तबीयत कैसी है । इसके लगभग बीस से पच्चीस मिनट बाद डाक्टर की एक टीम आई ओैर जांच की ।

समाचार लिखने के समय तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने इस गंभीर मामले में संज्ञान नहीं लिया है । हर बितते समय के साथ राहुल गुप्ता के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने वाला है और अधिकारियों की संवेदनहिनता सामने आने वाली है । कल से शहर का हर वर्ग आंदोलन से स्वयं ही जुड़ने लगा है । रेलवे के साथ ही स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में गंभीरता से विचार करते हुए समाधान का रास्ता निकालना होगा ।

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