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धन्य है प्रदेश की राजनीति – बच्चे स्कूल जाएं तो डर लेकिन नेताओं की सभा में भीड़ बढ़ाए तो जायज ।

भाजपा कांग्रेस की सभाओं में बच्चों के बिना मास्क के झुंड।
जिम्मेदार नेताओं को नहीं दिख रहा कुछ ।

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 20.10.2020

 

Sanjeev Shukla

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मरवाही – मरवाही से कोरोना कोसों दूर भाग गया है , यहां किसी को इसका डर नहीं है । पिछले एक साल से कोरोना को लेकर लोगों को आगाह करते शासन प्रशासन सब इस तरफ से आंख बंद किए हुए हैं । स्वास्थ्य विभाग के दो डाक्टर ही चुनाव लड़ रहे हैं । भाजपा के प्रत्याशी ने तो यहां तक कह दिया कि डाक्टर हूं दर्द का समझता हूं । यहां दूर दूर तक कोरोना का कोई खौफ नहीं है । होगा भी क्यों । यहां तो चुनाव हो रहे हैं और हमने तो पहले ही अपनी एक खबर में ये कह दिया था कि देश में चुनाव करवा लो यकीन मानों कोरोना दूर भाग जाएगा ।


मरवाही में जगह जगह नेताओं के भाषण हो रहे हैं । और शुद्ध राजनैतिक भाषण हो रहे हैं । जो नेता मंत्री विधायक सांसद लोगों से कोरोना से बचने की सलाह देते थे उन्हें अब इसकी परवाह नहीं । बच्चों के स्कूल अभी नहीं खुल रहे हैं लेकिन बच्चों की फौज इन्हीं सभाओं में भारी संख्या में उपस्थित रहती है और एकदम सामने बैठ कर भाषण सुनते रहती है लेकिन मजाल किसी जिम्मेदार के मुंह से ये निकल जाए कि बच्चे ऐसी सभाओं से दूर रहें , यदि आ भी जाएं तो मास्क लगा लें , दूर दूर बैठे ।


मरवाही चुनाव के दौरान दोनों ही प्रमुख पार्टीयों की सभाओं की जो तस्वीरें आई है वो दिल दहलाने वाली और सोचने वाली है कि पिछले नौ माह से कोरोना के खौफ में जी रहे लोगों को आखिर ये सभाएं कहां ले जाएंगी । क्या इन सभाओं में आए लोगों के टेस्ट हो रहे हैं । जैसे पहले गाईड लाईन थी कि गणेश या दुर्गा के पंडाल में कोई कोरोना पाजिटिव होता है तो उसका पूरा खर्च समिति को देना होगा तो क्या ऐसी सभाओं में यदि किसी को कोरोना होता है तो क्या उसका पूरा ईलाज इन सभाओं के आयोजनकर्ताओं से नहीं वसूलना चाहिए ?


खैर अभी तो सब चुनावी भाषणों और सभाओं की तैयारी में है । हर दिन यही सोच रहें हैं कि कल कोैन का भाषण देना है । कैसे विरोधी को अपनी बात से चित्त करना है ।


बच्चों की क्लास आन लाईन है , मिटिंग आन लाईन हो रही , बैठक आन लाईन हो रही , जब सब आन लाईन हो सकता है तो चुनाव भी आन लाईन करवा लेते । देश के प्रधान मंत्री तो कब से डिजिटिल इंडिया की बात कर रहे । एक चुनाव आन लाईन ही हो जाता । भाजपा ने वैसे भी कई लाख मोबाईल बांटे थे उनका उपयोग इस चुनाव में कर लेना था । लोग घरों से निकलकर राजनैतिक पंडालों में ऐसे भीड़ ना लगाते । लेकिन यहां के बच्चों को इतना तो समझ आ ही रहा होगा कि स्कूल से ज्यादा जरूरी और महत्वपूर्ण उनके लिए ऐसे पंडालों में जाने और ताली बजाने में है ।

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