करगी रोडकोरबापेंड्रा रोडबिलासपुरभारतमरवाहीरायपुर

अरपा नदी में 6 किलोमीटर की दूरी पर बने दोनो एनीकट पिछले तीन सालों में 3 बार बहे ।

पब्लिक का रूपया फिर बहा पानी में ।
विभाग के अधिकारी इस बारे में बात करने तक को तैयार नही ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 25.07.2020

 

बेलगहनाछत्तीसगढ़ जलसंसाधन संभाग कोटा के अंतर्गत बेलगहना से 4 किमी चाटापारा एनीकट और पेण्ड्रा जल संसाधन संभाग के अन्तर्गत नगोई सोनपुरी एनीकट ये दोनों परियोजनाएं अरपा नदी पर एक दूसरे से 6 किमी की दूरी पर बनी है जिनकी लागत लगभग 7-7 करोड़ रूपये है दोनो ही परियोजनाए भ्रष्टाचार की मिशाल बन गयी हैं । ये दोनो ही एनीकट बीते तीन सालों में 3 बार बह चुके हैं ।

शासन का उद्देश्य इस प्रकार के एनीकट के निर्माण के पीछे उस क्षेत्र के भूमिगत जल स्तर को बढ़ाना होता है । परन्तु यहां कहानी कुछ और ही है क्षेत्र का जल स्तर जहां का तंहा है बल्कि विभाग में भ्रष्टाचार का स्तर और विभाग के अधिकारीयों और ठेकेदारों के धन स्तर जरूर बढ़ गया। आमतौर पर इस तरह की परियोजनाओं के पूर्ण होने पर उद्घाटन या लोकार्पण जैसी रस्मों से भी आम जनता को दूर ही रखा जाता है जिसकी वजह से इस तरह के प्रोजेक्ट कब चालू होते है और कब पूरे होकर बह जाते हैं जनता को पता ही नही चल पाता है स्थानीय लोग ये समझते रह जाते है कि अभी इस पर काम चल ही रहा है और विभाग से उसकी मरम्मत के लिए पूरक बजट भी आ जाता है और उसका भी काम तमाम हो जाता है यहां भी कुछ ऐसा ही हुआ है ।


मिली जानकारी के अनुसार चाटापारा एनीकट का निर्माण विभाग के ही एक बड़े पूर्व अधिकारी के संबंधी द्वारा पेटी कान्ट्रेक्ट पर कराया गया था जो पहली ही सीजन की बारिश में बह गया था इसके बाद विभाग के द्वारा हर प्रकार से डैमेज कन्ट्रोल की कवायत आज तक जारी है । इसी तारतम्य में विभाग के कुछ छोटे कर्मचारियों पर कार्यवाही की गाज भी गिरी जैसा कि आमतौर पर देखा जाता है परन्तु इस भ्रष्टाचार के वास्तविक आरोपियों पर आज तक कोई कार्यवाही नही की जा सकी है ।


आइये अब इस निर्माण कार्य के कुछ तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डालतें हैं जिसे समझकर आप इसके असली दोषियों को समझ पायेंगें की इस भ्रष्टाचार के जिम्मेदार कौन लोग हैं । जब दबंग न्यूज लाईव की टीम इस निर्माण के तकनीकी पहलुओं की पड़ताल की तो सूत्रों से जो जानकारी निकलकर आयी वो भारी भ्रष्टाचार की ओर संकेत करती है । उक्त एनीकट का निर्माण बिना किसी सालिड स्टेटा के किया गया है अर्थात स्ट्रक्चर के नीचे के नींव का कोई ठोस आधार (कोई राॅक या पत्थर) है ही नही और इसका डायफ्राम वाल मात्र 6 मीटर (स्वीकृत गहराई) नीचे तक ही बनाया गया है जहां नीचे कोई सालिड स्टेटा नही है । इन परिस्थितियों में इसका बह जाना स्वाभाविक ही है।

तो प्रश्न यह है कि निर्माण के दौरान यदि ठोस आधार नही मिल पाया था तो डायफ्राम वाल की गहराई पूरक बजट के माध्यम से बढ़ायी क्यों नही गयी इसे बहने लायक कमजोर क्यों बनाया गया । दूसरा प्रश्न यह है कि निर्माण से पहले सर्वे करने वालों ने क्या पाया और कैसी रिपोर्ट विभाग को दी जबकि वहां स्वीकृत गहराई तक सालिड स्टेटा था ही नही और प्रोजेक्ट को स्वीकृती कैसे मिली । विशेषज्ञों की मानें तो इस एनीकट को बहना ही था क्योंकि सर्वे कार्य से लेकर सारे निर्माण कार्य में घोर लापरवाही बरती गयी है। स्पष्ट है कि इस परियोजना में प्रारंभ से लेकर अंत तक झोल झाल है और इस प्रोजेक्ट का जन्म ही भ्रष्टाचार के लिए हुआ था । इसी से मिलती जुलती कहानी सोनपुरी नगोई एनीकट की भी है चाटापारा एनीकट की तरह ये भी कई बार बह चुका है । जांच के नाम पर गोलमाल का खेल चल रहा है । यहां यह भी उल्लेखनीय है कि ये दोनो निर्माण रमन सरकार के दौरान हुए हैं देखना है कि वर्तमान सरकार इसका क्या करती है।


इस क्षेत्र की अधिकांश सिंचाई परियोजनाओं का यही हाल है दशकों पहले बने चेक डेमों से आज तक सिंचाई नही की जा सकी है कहीं डेम में गड़बडी तो कहीं नहर में । नहरों के लाइनिंग वर्क से भ्रष्टाचार की मलाई लगातार छानी जा रही है और जनता के रूपये तिरोहित हो रहे।
अधिकांश जनता को इस तरह की खबरें पढ़कर लगता है कि किसी एनीकट के बहने से हमारा क्या जाने वाला है इसे तो सरकार बनवा रही परन्तु समझने वाली बात ये है कि इन सारी परियोजनाओं में लगने वाला धन आम जनता से वसूले गये टैक्स से आता है जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है ।


इन सभी विषयों पर बात करने के लिए संभाग के कार्यपालन अभियंता अशोक तिवारी से जब हमने बात करनी चाही तो अधिकारी महोदय ने फोन ही काट दिया और वाटसऐप मैसेज का भी कोई जवाब नही दिया ।
राजेन्द्र सक्सेना अनुविभागीय अधिकारी जलसंसाधन कोटा – मै इसके विषय में कुछ नही बता पाउंगा क्योंकि मामले की जांच चल रही है और सारे रिकार्ड जांच के लिए गये हुए है
अरूण चोैहान अध्यक्ष जिला पंचायत बिलासपुर – इस तरह की योजनाएं जनता को लाभ पहुंचाने के लिए होती इसमें भ्रष्टाचार नही होना चाहिए मामला भाजपा शासन काल का है उनकी सारी योजनाओं का यही हाल है हम इसकी जांच की मांग करेंगें ।

Related Articles

Back to top button