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Exclusive-छत्तीसगढ़ में भी है मां कामख्या का निवास ।

” भाजी डोंगरी ” पर्वत पर विराजित हैं माँ कामाख्या देवी

इस पर्वत पर मिलती है अनेक प्रकार की भाजी , मसाले और जड़ी बूटियों , वर्षो से सिद्ध स्थल के रूप में है मान्यता

   Rajesh Shrivastava
पंडरिया ( रविवार ) 17 अक्टूबर 2021
पंडरिया से बजाज कुकदूर मार्ग के 18 वें किलोमीटर पर भाजी डोंगरी नामक एक स्थान है । वर्षों से यह स्थान ग्रामवासियों के बीच सिद्ध स्थल के रूप में प्रसिद्ध है । अनेक प्रकार की खाने वाली भाजी मिलने के कारण इस स्थान को स्थानीय जन भाजी डोंगरी के रूप में जानते हैं  । गोल कुएं का आकार लिये यह पहाड़ी काफ़ी रहस्यमयी है । इस स्थान को क्षेत्रीय जन सिद्ध बाबा की तपस्या स्थल मानते है । तंत्र शास्त्र में ऐसे गोल कुएं की शक्ल वाली पहाड़ी को तंत्र मंत्र साधना के लिए बहुत आदर्श केंद्र माना जाता है ।
किवदंती है कि इस पहाड़ी पर वर्षों पूर्व एक सिद्ध बाबा तपस्या करते थे , एक अर्जुन वृक्ष के नीचे उनका धूना और चिमटा स्थापित था । सिद्धबाबा को लोग कभी गांव में देखते तो उसी वक्त कोई दूसरा उन्हें उनकी तपस्या स्थल पर ध्यान में लगा देखते थे ।
ग्राम के एक व्यक्ति को अधेड़ावस्था में भी पुत्र प्राप्त नही होने का मलाल था , एक दिन वह भटकते हुए बाबा जी के समीप पहुंचे और उन्हें अपनी पीड़ा बताई , बाबाजी अन्तर्मुखी होकर ध्यान में चले गए , कुछ समय पश्चात उन्होंने आंख खोला , और चिलम सुलगाकर एक ही दम में उसे खाली कर दिया , उसमे से निकली राख को उन्होंने उस व्यक्ति को दिया और कहा कि इसे अपनी पत्नि को खिला देना , फलाने समय तुम्हारा पुत्र होगा जिसका नाम तुम ” रामलाल ” रखना , अब चलो तुम्हे मैं मार्ग दिखाता हूं । भटके हुए उस व्यक्ति को बाबाजी मुख्य मार्ग तक लाये और कहा कि तुम अब अपने घर जाओ ..उस व्यक्ति ने श्रद्धा पूर्वक बाबाजी के चरण स्पर्श करने को आंख बंद किया और जैसे ही आँखे खोली तब तक बाबाजी अंतर्ध्यान हो चुके थे ।
इस पहाड़ी का आकार बिल्कुल कुएं की तरह गोल है । पहाड़ी के एक कोने को ” मसलहा कोनहा ” के नाम से जाना जाता है , प्रसिद्ध है कि इस स्थान में सब्जी में डालने वाले अनेकों प्रकार के सुगन्धित मसाले और जड़ी बूटियों की बहुतायत है ।

वर्ष 1990 में इस स्थान पर वन विकास निगम द्वारा वन रोपण किया जा रहा था , वन विकास निगम के एक कर्मचारी श्री कमला सिंग जो कि गाजीपुर उत्तरप्रदेश के निवासी और मां कामाक्षा के अनन्य भक्त थे , उन्होंने लेखक से इस स्थान में माँ कामाक्षा की स्थापना और मन्दिर निर्माण के लिये राय मांगी , आनन फानन में लोग सहर्ष इस शुभ कार्य के लिये तैयार हो गए ।
वन विभाग के लिए यह एक चुनौती थी कि बिना किसी वृक्ष को काटे पहाड़ के केन्द्र तक माता की मड़िया का निर्माण किया जाये , मेहनत साकार हुआ और बिना एक भी वृक्ष काटे उस सिद्ध स्थल तक जाने के लिए मार्ग बन गया । ग्रामवासियों और सिंग साहब के सहयोग से यहां माँ कामाक्षा की भव्य मूर्ति स्थापित की गई । धीरे धीरे यह स्थान लोगों में जनआस्था का बनता गया । आज इस जगह में पंडरिया कुईं कुकदूर सहित आसपास के क्षेत्रों से लोग माता के दर्शन और मनोकामना की पूर्ति प्रार्थना हेतु बड़ी संख्या में आते हैं , प्रतिवर्ष नवरात्रि में यहां मनोकामना ज्योति प्रज्ज्वलित की जाती है ।
भाजी डोंगरी पहाड़ के नीचे से एक मार्ग कमरा खोल और देवसरा की ओर जाता है । यह बहुत रहस्यमयी जगह है । वनों के भीतर अनेक राज छुपे हैं । बीच जंगल मे एक चीता बिल है जहां एक लंबी सुरंग के भीतर पुराने समय के द्वार चौखट लगे हुए हैं । आगे बेन्दरीचुआ नामक अत्यंत मनोरम पहाड़ी स्थल है जहां पानी का स्त्रोत पहाड़ों से बून्द बन कर टपकता है । आगे देवसरा नामक जगह है जहां प्राकृतिक और कृत्रिम रूप के दो गुफाएं हैं । एक गुफा में पुराने औजार लोहे के गहने वस्तुएं प्राप्त होती है वहीं दूसरी गुफा में वृहद विस्तार वाले कक्ष बने हैं जिसमे स्टेलेक्टाइट और स्टेलेगमाईट की अद्भुत संरचनाये बनी हुई है ।
मुख्य मार्ग पर स्थित होने के कारण भाजी डोंगरी का तेजी से विकास हो रहा है , परन्तु अनेक सुविधाओं से वंचित इस पावन क्षेत्र के विकास हेतु किसी योग्य जनप्रतिनिधि को आगे आना होगा । इस मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित अशोक पांडेय हैं , वर्तमान में चकाचक महराज इस स्थल की सेवा में लगे हुए हैं ।
ग्रामवासियों ने दबंग न्यूज लाइव के माध्यम से सरकार और जनप्रतिनिधियों से निवेदन किया है कि इस स्थान में , बिजली , पानी , ज्योतिकक्ष , विश्रामालय आदि की व्यवस्था की जाए । इस नवरात्रि पर्व में लगभग 80 मनोकामना ज्योति प्रज्ज्वलित की गई थी ।
दबंग न्यूज लाइव से सिंगपुर के श्री भगतराम ,मंगत सिंह , श्यामसिंह , हरिराम रजवाड़े , मानसिंह , बसंत कुमार , जया राम लोखन , शिवकुमार मरावी तथा ग्राम के अनेक लोगो ने चर्चा करते हुए इस स्थान के विकास हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की है ।
घने गहन वनों वाले इस स्थान में अलौकिक शांति महसूस करना हो तो यहां जरूर आएं …!!

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