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अंतिम वर्ष की परीक्षा ईमेल और व्हाटसएप पर भेजे जाएंगे पेपर घर में बैठकर देखकर लिखो ।

ईमेल और व्हाटसएप पर होगी परीक्षा अंतिम वर्ष और स्वाध्यायी छात्रों की परीक्षा।
प्रोफेसर्स भी उतने विरोध में छात्रों के साथ ही 31 जुलाई को सुना जाएगा ।

दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 31.07.2020

 

Sanjeev Shukla

रायपुर – कोरोना के संक्रमण को देखते हुए जहां अधिकतर कक्षाओं को जनरल प्रमोशन दे दिया गया है वहीं ये भी तय किया गया है कि कालेजों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी । साथ ही स्वाध्यायी छात्र भी परीक्षा देंगे । इधर एक आदेश कल से वायरल हो रहा है जिसमें छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षा के संबंध में कई शर्ते रख परीक्षा कराया जाना सुनिश्चित किया गया है । 


इस आदेश में कई मजेदार तथ्य को शामिल किया गया है जैसे छात्र को पेपर मेल या व्हाटसएप पर भेजे जाएंगे । छात्र अपने घरों में प्रश्नों के उत्तर लिखेंगे और कोरियर या स्पीडपोस्ट के जरिए जमा करवाएंगे । यदि कोई छात्र अपने परीक्षाफल या नम्बरों से नाखूश होता है तो उसे फिर से परीक्षा देने का अवसर दिया जाएगा ।

 


अब यहां मजेदार स्थिति पैदा हो जाएगी । नियमित छात्र तो जनरल प्रमोशन पा गए लेकिन अब स्वाध्यायी छात्र घर बैठकर परीक्षा देंगे । अब घर बैठकर प्रश्नों के उत्तर आंख में पट्टी बांधकर तो लिखेंगे नहीं याने बुक या गाईड का सहारा लिया जाएगा । ऐसे में शत प्रतिशत सहीं उत्तर याने जांचने वाला भी काट ना पाए । अब नियमित छात्रों की निंद उड़ेगी कि यहां हम साल भर पढ़ते और तैयारी करते रहे वहां स्वाध्यायी वाले हमसे ज्यादा नम्बर ले आए । पता नहीं यूजीसी भी कैसे केैसे नियम बनाता है ।


इधर इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट में छात्रों ने केस दायर किया हुआ है और कोर्ट मे सुनवाई चल रही है ऐसे में प्रदेश सरकार का ये आदेश अचंभित करने वाला है । अब यूनिवर्सिटी और काॅलेजों के प्रोफेसर्स का भी साथ मिल गया है। इन प्रोफेसर की एसोसिएशन की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में केस दाखिल कर दिया गया है। फाइनल एग्जाम होने से छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को पेश आने वाली समस्याओं के बारे में भी कोर्ट को बताया जाएगा। इससे छात्रों के केस को मजबूती मिलेगी।

सुप्रीम कोर्ट में यूजीसी के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए अब पश्चिम बंगाल के प्रोफेसर सामने आए हैं। वेस्ट बंगाल काॅलेज एंड यूनिवर्सिटी प्रोफेसर्स एसोसिएशन WBCUPA की ओर से ये केस दायर किया गया है। WBCUPA। के अध्यक्ष और कृष्णाकली बासु (घोष) की ओर से ये केस किया गया है। इसमें बताया गया है कि राज्य सरकार ने 6 जुलाई को जारी यूजीसी की गाइडलाइन से पहले 29 अप्रैल को जारी की गई गाइडलाइन के आधार पर 28 जून को 80/20 के फाॅर्मूले पर रिजल्ट तैयार करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। अब 30 सितंबर तक परीक्षाएं अनिवार्य करना व्यवहारिक नहीं है।

 

 

महत्वपूर्ण बात ये है कि पश्चिम बंगाल पहला राज्य हैं जहां फाइनल एग्जाम केंसिल करने के बाद दो यूनिवर्सिटी की ओर से छात्रों का रिजल्ट भी जारी कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर्स ऐसोसिएशन के इस केस को बाकी छात्रों द्वारा यूजीसी के खिलाफ चल रहे केस के साथ ही कनेक्ट कर दिया गया है। इस केस को भी 31 जुलाई को इनके साथ ही सुना जाएगा।
कोर्ट के आदेश पर तय होंगी गाइडलाइन
खैर अब इस मामले में केंद्र या राज्य सरकार अब कुछ नही कर सकती। सुप्रीम कोर्ट से निर्देश जारी होने के बाद ही फाइनल एग्जाम पर केंद्र के फैसले को राज्यों को मानना होगा। कोर्ट की ओर से जो भी आदेश आएगा उसके आधार पर यूजीसी नए सिरे से कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए गाइडलाइन जारी करेगा, जो इस मामले में अंतिम होगी।

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