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Higher Education – जितनी गुलाटी उच्च शिक्षा विभाग ने मारी है उतनी तो बंदर भी नही मारता ।

खबर के बाद संशोधन लिस्ट जारी लेकिन अभी भी गड़बड़ी ।

दबंग न्यूज लाईव

बुधवार 12.10.2022

रायपुर – एक कहावत है कि बंदर कभी गुलाटी  मारना नहीं छोड़ता और उसे गुलाटी मारने में बहुत मजा आता है । ये भी कहा जाता है कि इंसानों के पूर्वज बंदर ही थे इसलिए इंसान भी गुलाटी मार ही लेता है लेकिन जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ का उच्च शिक्षा विभाग लगातार गुलाटी मार रहा है उससे बंदर भी को भी शर्म आने लगी होगी । उच्च विभाग के अंदर की खबर तो ये है कि इस बंदर की डोर भी एक प्रकाशक के हाथ में है जो जैसा बोलता है बंदर गुलाटी मार लेता है ।

दबंग न्यूज लाईव ने कल उच्च शिक्षा विभाग में स्थानांतरण के  खेल की खबर प्रकाशित की थी शाम होते होते विभाग ने एक नई संशोधन लिस्ट जारी कर दी लेकिन इस बार भी गड़बड़ी वहीं नियमों की धज्जियां वैसे ही उड़ाई जा रही है  । कल प्रकाशित खबर के बाद प्रदेश भर से कई जगहों के फोन हमारे पास आए जिसमें सहायक प्राध्यापकों ने अपनी समस्या हमें बताई ।

मजे की बात ये है कि स्थानान्तरण की सारी प्रक्रिया तीस सितम्बर को समाप्त हो हो जानी थी ।  इसलिए अक्टूबर तक चल रहे इस खेल में हर तारीख अब तीस सितम्बर की डाली जा रही । याने विभाग ने स्थानान्तरण लिस्ट भी तीस सितम्बर को जारी की , फिर उसे तीस ही तारीख को हटा भी लिया और फिर उसी दिन संशोधन भी कर दिया है ना मजे की बात इतनी ताबड़तोड़ कोई करता है । विभाग तीस तारीख को ही सब कारनामें करके ये दिखाना चाहता है कि वो कितना एक्टिव है लेकिन वेबसाईट में लिस्ट डालने में आठ दिन लगा देते हैं ।

 और भी मजे की बात कि तीस तारीख की लिस्ट विभाग की वेबसाईट पर आती है आठ तारीख को .. फिर हटा भी ली जाती है और ग्यारह तारीख को संशोधन लिस्ट में भी तारीख आ जाती है तीस सितम्बर । अभी ब्लाकबस्टर ट्रासफर मुवी का  पार्ट एक आया है मतलब अभी भी भाग दो और तीन भी आने की गुंजाईश है जिन भाई लोगों को आगे पिछे मामला सेट करना है दरवाजा खुला है क्योंकि पार्ट दो और तीन भी आ सकता है बाहुबली की तरह ।

सरकार के स्थानान्तरण आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि जो भी कर्मचारी परिवीक्षा अवधी में होगा उसका स्थानान्तरण नहीं किया जा सकता लेकिन नवागढ़ में पदस्थ परिवीक्षा अवधी के सहायक प्राध्यापक नारायण राव सावरकर को उनके परिवीक्षा अवधी में ही नवागढ़ से पांडातराई कर दिया गया  जो कि स्थानान्तरण आदेश का खुला उल्लघंन है लेकिन गुलाटी मार रहे विभाग को ये समझ ही नहीं आया क्योंकि डोर तो जमुरे के हाथ में है ।

 शासन की स्थनांतरण नीति 2022 की कंडिका 2.9 मे स्पष्ट उल्लेख है कि वरिष्ठ पद के विरूद्य कनिष्ठ को स्थनांतरित नही करना है और समकक्ष पद से ही पूर्ति किया जाना है । विभाग ने फिर इस नियम का  उलंघन करते हुये क्रमांक 363 में डॉ यू के श्रीवास्तव जो कि पदोन्नत प्राध्यापक है को स्थनांतरित करते हुये  उनके स्थान पर सहायक प्राध्यापक को पदस्थ किया गया है।

इसी तरह प्राचार्य के स्थनांतरण की सूची 8 अक्टूबर को जारी की गई जिसमे भी तारिख 30 सितम्बर ही पडी थी। उक्त सूची को 11 अक्टूबर को संशोधित करते हुये पुनः नई सूची 30 सितम्बर की तारिख मे जारी किया गया । इस सूची में से दो प्राचार्य का तबादला निरस्त कर दिया गया। जब तबादला निरस्त ही करना था तो फिर किया क्यो ? इसी तरह क्रिडाधिकारियों की सूची में एक का तबादला निरस्त कर दिया गया है। लिपिकों की स्थनांतरण सूची में एक ऐसे लिपिक का नाम भी है जो मार्च 2022 मे सेवानिवृत्त होकर पेंशन ले रहा है।

सूची निकालना फिर उसी दिन उसे निरस्त करना विभाग के अधिकारियों के मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है। उच्च शिक्षा विभाग को अपनी योग्यता पर भरोषा करते हुए पार्ट दो में सारी गलतीयों को दूर करते हुए साफ और अविवादित सूची जारी करनी चाहिए ताकि हम गर्व से कह सके कि ये हमारे प्रदेश का उच्च शिक्षा विभाग है और यहां सब साफ और पारदर्शी है ।

 

 

 

 

 

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