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जांजगीर के तुर्रीधाम में है एतिहासिक शिवलिग जिस पर होती है धारा प्रवाहित ।

सक्ती के राजा हरीसिंह ने बनवाया था यहां मंदिर ।
सावन में भक्तों का लगता है मेला ।

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार – 20.07.2020

 

परसन राठौर

जांजगीर- जांजगीर के सक्ती मुख्यालय से लगभग तेरह किमी दूरी पर है ग्राम पंचायत बासीन । बासीन अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण प्रसिद्ध है । यहां एक धार्मिक स्थल है तुर्रीधाम जहां का शिव मंदिर अपनी ऐतिहासिक मान्यताओं के कारण प्रसिद्ध है ।


तुर्रीधाम में एक शिव मंदिर है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे कई सोै साल पहले सक्ती के राजा हरीसिंहजी ने बनवाया था । इस मंदिर के पिछे की एक और कहानी यहां प्रचलित है कि एक दिन यहां तुर्रीधाम में रहने वाला एक चरवाहा रामकृष्ण जंगल में अपने मवेशियों को चराने आया था । दोपहर में उसे नींद आई तो वो वहीं एक पेड़ के नीचे बैठ गया । उसी समय उसने देखा कि पास ही जमीन से एक शिवलिंग के आकार का पत्थर धरती से बाहर आ रहा है । और फिर एक जलधारा वहां प्रवाहित होने लगी । चरवाहा रामकृष्ण भागा भागा अपने गांव आया और लोगों को वहां के चमत्कार की जानकारी दी ।


गांव के लोग भी वहां पहुंचे । जब ये जानकारी सक्ती के महराजा हरिसिंह को हुई तो उन्होंने वहां पहुंचकर शिवलिंग के दर्शन किए और वहां भव्य मंदिर का निर्माण करवाया । जहाँ सावन के माह में दूर दूर से भोले बाबा के भक्त दर्शन के लिए आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं।


महाशिवरात्रि पर यहां 10 दिन का मेला लगता है तुर्रीधाम सक्ती से 13 किलोमीटर और बाराद्वार से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।

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