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Killing of baby elephant- ये इंसान का काम तो नहीं हो सकता । बेबी हाथी के हत्यारे गिरफ्त में ।

हाथी हत्याकांड के बाद उठने लेगे कई सवाल आखिर क्या दोष है हाथियों का ?

दबंग न्यूज लाईव
रविवार 23.10.2022

Sanjeev Shukla

कोरबा छत्तीसगढ़ – प्रदेश में वन्य जीवों की हत्या और शिकार के कई मामले सामने आते रहते हैं लेकिन हाथी की हत्या का ये शायद पहला मामला हो । जिस प्रकार से इस पूरे मामले ने मोड़ लिया है उसने ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ये काम आखिर इंसान का तो हो ही नहीं सकता ।


हाथी के छोटे बच्चे की हत्या फिर उसको गडढा खोद कर दफना देना और पता ना चले इसलिए उसके उपर फसल बो देना ये शातिरों का ही काम हो सकता है । लेकिन कहते हैं ना अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो जुर्म सामने आ ही जाता है ।


कटघोरा वन मंडल के पसान सर्किल में दो दिन पहले जो मामला सामने आया उसने वन विभाग के अधिकारियों और उसके नुमाइंदो पर कितना असर डाला पता नहीं ? सरकार इसके बाद क्या नियम कायदे और उपाय करेगी उसका भी पता नहीं ? लेकिन इस मामले ने पूरे प्रदेश के वन्य जीव प्रेमियों को सकते में डाल दिया है ।


कुछ माह पहले ही नामिबिया से लाए गए चीतों का जैसा स्वागत हुआ उस समय भी ये आवाज उठी कि अपने देश के वन्य प्राणियों की सुरक्षा और रहवास के लिए गंभीरता से सरकार कदम उठाए ।

हाथी के बच्चे की मौत के बाद वहां के एक जनप्रतिनिधि का वीडियो वायरल हो रहा है जो ये कह रहा है कि हम तो हाथी को मारेंगे हमसे आठ लाख मुआवजा ले लो । जब ये बात हो रही थी तो विभाग के अधिकारी सोए हुए क्यों थे ? क्यों नहीं उसी समय उस व्यक्ति पर कार्यवाही की गई ? क्यों ये अपराध होने दिया गया ?


हाथी के बच्चे की हत्या के पीछे विभाग की उदासिनता भी है । ये वही जिला है जहां लगभग साल भर पहले एक हाथी की मौत दलदल में फंस कर हो गई थी और विभाग के अधिकारी हाथ बांधे खड़े थे ।

हाथी के बच्चे की हत्या की खबर जब विभाग के अधिकारियों को पता चली तो दल बल सहित विभाग के लोग पहुंच गए और कार्यवाही में जुट गए । हाथी के बच्चे का पोस्टमार्टम कराया गया । इसके बाद विभाग ने बारह ग्रामीणों को गिरफतार करके जेल भेज दिया लेकिन मुख्य आरोपी फरार हो गया । वो शातिर था जानता था इसके बाद जेल ही जाने की नौबत आएगी ।


एक आरोपी ने पूरी घटना बताते हुए कहा कि हाथी का बच्चा महाबलेश्वर के खेत में मरा था जिसे कोमल सिंह तंवर के कहने पर खेत में गडढा खोदकर गाड़ दिया गया था और फिर थरहा लगा दिया गया । ये पूरा काम सुबह तीन बजे से लेकर आठ बजे के बीच किया गया ।


लेकिन इस पूरी घटना के बाद सोचना होगा कि आखिर इसमें उस बच्चे हाथी की क्या गलती थी ? इंसानों ने वन्य जीवों के रहवास पर अपना अधिकार कर लिया है ? उनके भोजन को खुद निगल रहे हैं ? सरकार उनके जंगलों को खदान बना रही है ? जंगल के जंगल साफ हो रहे है ? ऐसे में ये वन्य जीव जाएं कहां ? जंगल में रहते तो भी मौत का खतरा शहर की तरफ आ जाएं तो भी शिकार ? सरकार को इनके रहवास के लिए ध्यान देना होगा और साथ ही इतने कड़े कानून बनाने होंगे कि आगे कोई भी इंसान इस प्रकार का अपराध करने के पहले सौ बार सोचे ।

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