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सूखा दे रहा दस्तक …इंद्रदेव नाराज ,किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें ।

5 हजार किसानों का सोयाबीन और लगभग 3 हजार किसानों को चना की मुआवजा राशि अब तक नही मिली ।

रविवार 05.09.2021

Rajesh Shrivastav

कबीरधाम -पिछले वर्ष इंद्रदेव की मेहरबानी से मालामाल हुए जिले के किसानों की पेशानी में इस वर्ष बल पड़ने लगे हैं । अल्पवर्षा के कारण खेतों में लगे खरीफ फसलों के उपज पर खतरा मंडराने लगा है । समृद्ध किसानों की निजी सिचाई सुविधा भी नाकाफी साबित हो रही है । किसानों को चिंता है कि इस वर्ष औसत से कम बारिश होने की वजह से उनके वर्ष भर की मेहनत पर पानी फिरने वाला है । बारिश का पूरे राज्य भर में कमोबेश यही हालत है । जिसकी चिंता किसानों को खाये जा रही है।

राज्य सरकार ने दिया है आश्वासन – शासन के निर्णय के अनुसार राज्य के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि राज्य में अल्पवृष्टि और अनावृष्टि के कारण अनेक जिलों में सूखे की स्थिति निर्मित हो गई है । ऐसे में जिन किसानों की फसलें प्रभावित होती है उन्हें प्रति एकड़ 9 हजार रुपये की मुआवजा राशि राजीव गांधी न्याय योजना के तहत दी जाएगी । जिन किसानों ने खरीफ फसल धान , कोदो , कुटकी , अरहर आदि की बुआई की है उन्हें यह मुआवजा राशि दी जाएगी ।

प्रशासन चौकन्ना -गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करने की कवायद –
सूखे की आहट को देखते हुए प्रशासन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है । अल्पवर्षा के चलते खरीफ फसलों के उत्पादन पर निश्चित असर होगा अतः ऐसे में गिरदावरी रिपोर्ट को पूरी सजगता और ईमानदारी से बनाने की जरूरत होगी क्योंकि इन्ही रिपोर्ट के आधार पर किसानों को मुआवजा दिया जा सकेगा । इस सम्बंध में राजस्व विभाग का अमला प्रशासनिक तैयारियों में जुट गया है ।

ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों का भी पंजीयन- इन सब व्यवस्थाओं के बीच राज्य शासन ने सूखे से प्रभावित होने वाले ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर तथा पौनी -पसारी से जुड़े परिवारों के मुखिया का पंजीयन करना शुरू कर दिया है । ग्राम पंचायतों में 01 सितम्बर से 30 नवम्बर तक की अवधि में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में पात्र हितग्राही अपना पंजीयन करवा सकते हैं ।


योजना से कोई खुश तो कोई नाखुश – राज्य शासन द्वारा किसानों को सूखे के नाम से राहत देने की घोषणा से कुछ किसान आश्वस्त हैं वहीं कुछ किसान इसे सरकार द्वारा अपनी ही पीठ थपथपाने का हथकंडा बता रहे हैं । जिले के अनेक क्षेत्र के किसानों ने बताया है कि पिछले वर्ष सोयाबीन की फसलों के हुए नुकसान का उन्हें कोई मुआवजा अब तक नही मिला है । चना के फसल नुकसान होने पर भी मुआवजे का प्रावधान है वह भी जिले के अधिकांश प्रभावित किसानों को नही मिला है ।


पड़ताल से पता चला है कि जिले के लगभग 5 हजार किसानों का सोयाबीन और लगभग 3 हजार किसानों को चना की मुआवजा राशि नही मिली है । सम्बंधित अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश किसानों के बैंक खाता नम्बर गलत होने के कारण उन्हें मुआवजा नही मिल सका है । सवाल यह उठता है कि जब डाटा फीडिंग इन्हें ही करना है तो इतनी थोक मात्रा में त्रुटि का होना किसी दूसरी गणित की ओर इशारा करता है ….!

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