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मरवाही चुनाव – एक डाक्टर जिसके गले में अब स्टेथेस्कोप नहीं नेतागिरी का गमछा दिखेगा । डा के के धु्रव आज देंगे इस्तीफा ।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल क्या बीस साल में कांग्रेस मरवाहीें में कोई नेता नहीं बना पाई ? या अपने कार्यकर्ताओं पर भरोषा नहीं ?

जोगी कांग्रेस के सैकड़ों नेताओं को शामिल करने के बाद भी एक अधिकारी पर करना पड़ रहा है भरोषा ।

 

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 10.10.2020

 

Sanjeev Shukla

मरवाही – मरवाही में आने वाले तीन नवबंर को उपचुनाव होना है । ये सीट जनता कांग्रेस के सुप्रिमो और प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के स्वर्गवास के बाद खाली हुई है । इस महत्वपूर्ण सीट को अब तीनों राजनैतिक पार्टीयों ने अपनी प्रतिष्ठा बना लिया है । राज्य बनने के बाद से ही ये सीट कांग्रेस या फिर कहें जनता कांग्रेस के हिस्से में रही है । अजीत जोगी के पहली बार यहां से विधायक बनने के पहले ये सीट भाजपा के पास थी जहां से उसके विधायक रामदयाल उईके थे । वे भी पेशे से पटवारी थे ।

फाईल फोटो

इस बार यदि जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार कांग्रेस से मरवाही में बीएमओ रहे के के धु्रव प्रत्याशी हो सकते हैं और आज वे अपना इस्तीफा सौंप देंगे । इसके बाद उनके गले स्टेथोस्कोप की जगह कांग्रेस का गमछा लटक जाएगा । के के ध्रुव पिछले बीसों साल से मरवाही में ही बीएमओ के पद पर पदस्थ हैं और मरवाही के एक एक गांव तक उनकी पहुंच हैं । ऐसे में मरवाही के लगभग सभी लोग उनको जानते हैं और वे भी लोगों से परिचित हैं । ऐसे में कांग्रेस को अपने प्रत्याशी का परिचय कराने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी । लोगों के अनुसार डा ध्रुव अपने स्वभाव से भी लोगों के बीच अपनी अच्छी छवी रखते हैं ओैर शायद यही चिज उनके पक्ष में भी जाती है ।

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लेकिन सबसे बड़ा सवाल येे उठता है कि क्या कांग्रेस पिछले बीस सालों में यहां से अपने लिए विधायक लायक नेता नहीं बना पाई ? या फिर उसे अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं पर भरोषा नहीं रह गया है ? कांग्रेस पिछले कई महीनों से जनता कांग्रेस के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने के काम में लगी हुई तो क्या ऐसे में वे नेता भी र्पाअी के लिए विधायक पद के लिए उपयुक्त नहीं है ? क्या जनता कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को कांग्रेस में शामिल करने के पीछे सिर्फ मानसिक रूप से जनता कांग्रेस को कमजोर करने की चाल है ? और चुनाव के पहले ही कांग्रेस जनता कांग्रेस को बैकफुट पर लाना चाहती है ?

 

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जहां तक मरवाही सीट का सवाल है ये सीट कांग्रेस किसी भी हाल में जीतना ही चाहेगी । जबकि जनता कांग्रेस के लिए सीट उसकी पारंपरिक सीट के अलावा पारिवारिक महत्व भी रखती है । जबकि भाजपा यहां 2001 के पहले वाली स्थिति में आना चाहती है । ऐसे में तीनों पार्टी इस सीट को लेकर कोई ढिलाई करने वाली नहीं है ।

भाजपा ने जहां यहां की जिम्मेदारी अपने पूर्व मंत्री और चुनाव के माहिर रणनीतिकार अमर अग्रवाल को सौेपी है तो कांग्रेस ने महीनो पहले से ही यहां के प्रभारी मंत्री के रूप में जयसिंह अग्रवाल को जिम्मेदारी दे दी है और वे भी दिनरात मेहनत कर रहे हैं तो जनता कांग्रेस की कमान फिलहाल अमित जोगी स्वयं ही संभाल रहे हैं ।

आने वाले समय में ये चुनाव काफी रोचक होने वाला है इसलिए यहां की हर छोटी बड़ी खबर के साथ ही अंदर की खबर के लिए दबंग न्यूज लाईव पढ़ते रहिएगा ।

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