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दबंग खुलासा – बांट दिए फर्जी वन अधिकार पट्टा , बटोरी ली मोटी रकम और पट्टाधारकों ने काट दिए पूरे जंगल।

वन ग्राम झेराखोला के आदिवासी हुए जालसाजी के शिकार ।

जानकारी के बाद भी वन विभाग और प्रशासन मौन, कट गये सैकड़ो एकड़ जंगल ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 04.07.2020

 

संजीव शुक्ला/सुमन पाण्डेय

बेलगहना – सरकार वन अधिकार पट्टा दे रही है ये बात तो सहीं है लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि कोटा क्षेत्र के आदिवासी ईलाकों में एक ऐसा गिरोह काम कर रहा है जो अंदरूनी गांव में लोगों को वन अधिकार पट्टा बांट रहा है । मजे की बात ये है कि पट्टे में वनमंडलाधिकारी रतनपुर के साथ ही डिप्टी कलेक्टर के सील साइन हैं । जबकि रतनपुर बनमंडलाधिकारी का कार्यालय ही नहीं है । लेकिन जंगल में रहने वाले भोलेभाले आदिवासी परिवार को ये नहीं पता ।

इन पट्टा बांटने वालों ने दो से पांच एकड़ वन भूमि का पट्टा यहां के लोगों को दे दिया है और लोगों ने फर्जी पट्टे पाकर वन भूमि को खेत बना दिया है । दबंग न्यूज लाईव के पास ऐसे बीस से तीस वन अधिकार पट्टे हैं जो देखने में ही फर्जी लगते हैं । सबसे चोैंकाने वाली बात तो ये है कि वन विभाग को जानकारी होने के बाद भी वन विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है ।

ये सनसनीखेज मामला रतनपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत परसापानी के आश्रित ग्राम झेराखोला का है जहां की सौ प्रतिशत आबादी आदिवासी जनजातियों की है । यहां वन अधिकार पट्टे के नाम से जालसाजी के एक बड़े मामले का पर्दाफास दबंग न्यूज लाइव ने किया है । इस गांव के भोले भाले आदिवासियों को एक ठग गिरोह ने वन अधिकार पट्टे के नाम पर फर्जी दस्तावेज देकर सबसे लाखों रूपये वसूल लिए हैं । इन पट्टो को गौर से देखने पर ही स्पष्ट हो जाता है कि ये फर्जी हैं क्योंकि इनमें वनमण्डलाधिकारी रतनपुर के हस्ताक्षर और पदमुद्रा अंकित है जबकि वनमण्डलाधिकारी का पद बिलासपुर जिले में ही नहीं है ।

एक तरफ तो ये ग्रामीण इतनी बड़ी ठगी के शिकार हुए हैं वहीं दूसरी तरफ इन ग्रामीणों ने इन फर्जी दस्तावेजों को सही और प्रमाणिक मानकर उक्त वन भूमि पर कब्जा करते हुए सैकड़ो एकड़ जंगल काट डाला है । वन विभाग ने अभी तक न तो इन ठगों पर और न ही इन ग्रामीण पर किसी तरह की कार्यवाही की है जिससे विभाग की निष्क्रियता की पराकाष्ठा का अंदाजा आप लगा सकतें हैं ।

जनकारी ये भी प्राप्त हुई है कि इस पट्टे के आधार पर पट्टाधारकों ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली किसान सम्मान निधि के लिए आनलाइन आवेदन कर दिया । अब यह भी जांच का विषय है कि उन्हे ये राशि दी गयी या नही साथ ही इस गिरोह के अन्य गांवों में भी इसी तरह की जालसाजी की आशंका है ।

इन्ही सब मुद्दों को लेकर जब दबंग न्यूज लाइव क्षेत्र के रेंज आफिसर सी आर नेताम के पास पहुंची तो उन्होने बताया कि यह मामला उनकी जानकारी में है और इस विषय में उन्होने वन मण्डलाधिकारी बिलासपुर से पत्र लिखकर दिशा निर्देश मांगा है जो अब तक प्राप्त नही हुआ है निर्देश मिलने पर आगे की कार्यवाही की जायेगी ।

अब प्रश्न यह उठता है कि क्या चिट्ठी पाती के इस प्रशासनिक खेल में जिसमें पहले ही पांच छह महीने बीत चुके है वो अपराधी जिन्होने इस जालसाजी को अंजाम दिया है आराम से बैठे रहेंगें कि पहले वन विभाग फिर पुलिस जांचकर उन्हे पकड़ ले । और यह भी कि पट्टे के एवज में क्या जंगल का एक बड़ा भाग इन ग्रामीणों द्वारा काट नही लिया जाएगा। इन प्रश्नों का किसी के पास कोई जवाब नही है ।

दूसरी ओर वनमण्डलाधिकारी इस गंभीर मामले में कितने गंभीर ये भी देख लीजिए कि जानकारी के और पत्राचार के बाद भी उन्होंने इस मामले में संज्ञान नहीं लिया है । क्या वन मण्डला अधिकारी महोदय को इन ग्रामीणों के लुट जाने की कोई चिंता नही है ?और क्या उन्हे इन जंगलो के काटे जाने की कोई फिक्र भी नही है ? जिसकी रक्षा के लिए ही उन्हे शासन से मोटी रकम और ढेरों सुविधा देती है ।

 इस विषय में जब हमने ग्राम परसापानी के सरपंच प्रतिनिधि से बात की जो कि झेराखोला के ही निवासी है तो उनका कहना है कि वन विभाग द्वारा जल्द से जल्द इसकी जांच कर ये सुनिश्चित करना चाहिए कि ये पट्टे असली हैं या फर्जी और यदि फर्जी पाये जाते हैं तो दोषियों पर कार्यवाही किया जाना चाहिए ये दुविधा की स्थिति अच्छी नही है मामले में बहुत देरी हो चुकी है ।

 

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