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निजी स्कूलों की फीस शेड्यूल पैकेज सिस्टम से अभिभावक परेशान

अभिभावक डीईओ से मिल फीस माफी की कर सकते है मांग ।

परसन राठौर

जांजगीर चाम्पा  – सक्ती निजी स्कूलों की मनमानी का खामियाजा भुगतने को पालक मजबूर हो गए है। कोरोना काल मे भले स्कूल बंद है लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर अभिभावकों से पूरी फीस वसूली जा रही है।


ज्ञात हो कि गत कुछ दिनों पूर्व माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कहा गया था कि निजी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से कोचिंग फीस ले सकते है। जिसके बाद से ही निजी स्कूल संचालकों द्वारा ऑनलाईन पढ़ाई के नाम पर अभिभावकों के जेबों पर सीधे डाका डाल रहे है। नगर के कुछ निजी स्कूलों में अभिभावक फीस को कम करने की मांग को लेकर गए थे, लेकिन प्रबंधन द्वारा यह कहते हुए की माननीय उच्च न्यायालय का आदेश है कि हम कोचिंग फीस ले सकते है, बाकी जो फीस है वह नहीं ले रहे है। इस संबंध में अभिभावकों को कहना है कि निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा सालाना पैकेज बना दिया गया है जिससे यह नही पता चल पाता है कि कोचिंग फीस क्या है यही कारण है कि स्कूल प्रबंधन कोचिंग फीस के नाम पर पैकेज को फॉलो कर रहे है।


अभिभावकों का कहना है कि कोरोना काल में आर्थिक संकट का सामना तो करना पड़ ही रह है और बच्चे भी ऑनलाईन पढ़ाई के नाम पर सिर्फ एक से दो घंटे ही पढ़ाई कर पा रहे है जबकि स्कूल में अगर पढ़ाई होती है तो 5 से 6 घंटे की पढ़ाई होती है। ऐसे में पैकेज के आधार पर पूरी फीस और वह भी फीस स्लिप में कितने माह का कितना फीस है यह भी निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा नहीं बताया जाना अपने आप मे सवालों को जन्म दे रहा है।

कुछ अभिभावक ऐसे भी हैं जो अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने मेहनत मजदूरी कर निजी स्कूलों में पढ़ा रहे है आज की स्थिति में ऐसे अभिभावको के पास एनरोइड मोबाइल नहीं है जिससे उनके बच्चे ऑनलाइन भी पढ़ाई नही कर पा रहे है। साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि जो बच्चे ऑनलाईन पढ़ाई कर रहे है उसके लिए अभिभावकों को भी पढ़ाई चलते तक बच्चों के साथ बैठना पड़ रहा है। ऐसी बहुत सी परेसानी तो हो ही रही है और कोरोना काल के कारण जो आर्थिक तंगी है उससे भी जूझते हुए बच्चों की पूरी फीस जो कि खुद सवालों के घेरे में है का भी भुगतान करना पड़ रहा है। कुछ अभिभावक इन सब बातों को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के पास भी जाने की तैयारी कर रहे है ताकि फीस शेड्यूल समझ सकें और निजी स्कूलों के पैकेज नुमा फीस से छुटकारा पा सके।


मीता मुखर्जी, जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती ने कहा कि- शासन के गाइड लाइन के अनुसार कार्य किया जाएगा, अगर शासन के नियमों का उल्लंघन करते किसी भी निजी स्कूल को पाया गया तो उस पर वैधानिक कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोरोना काल मे फीस से संबंधित दिशा निर्देश समय समय पर शासन प्रशासन द्वारा जारी किया गया है, उन दिशा निर्देशों के संबंध में निजी स्कूल प्रबंधन से जवाब मांगा जाएगा।

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