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करगीखुर्द के पूर्व सरपंच पर चार सौ बीसी के तहत अपराध दर्ज ।

एक ही जमीन को दो लोगों को बेचने का आरोप , जबकि किसी भी संपत्ति को बेचने पर लगी है रोक ।

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 18.11.2020

 

करगीरोड कोटा – कोटा जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत करगीखुर्द के पूर्व सरपंच श्रवण निर्मलकर पर कोटा थाने में 420 ,34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है । प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रवण निर्मलकर ने कोटा में रहने वाले मनीष गुप्ता को अपनी जमीन खसरा नम्बर 591/3 रकबा एक एकड़ को 14 लाख रूपए में बेचने का सौदा किया । श्रवण निर्मलकर ने सौदे में से लगभग आठ लाख रूपए मनीष गुप्ता से नगद बयाने के रूप में ले लिया ।


लेकिन जब रजिस्ट्री का समय आया तो श्रवण निर्मलकर मनीष गुप्ता को घुमाने लगा तथा रजिस्ट्री में आनाकानी करने लगा । मनीष गुप्ता को इसी समय पता चला कि इसी जमीन को श्रवण निर्मलकर के द्वारा लालजी साव को भी बेच दिया गया और रजिस्ट्री करा दी गई है । इसके बाद मनीष गुप्ता ने 591/3 का रिकार्ड निकलवाया तो उनके होश उड़ गए ।

जिस जमीन का सौदा श्रवण निर्मलकर ने एक एकड़ बताकर किया था मौके पर वो जमीन एक एकड़ नहीं मात्र 45 डिस.ही थी और इस जमीन पर भी कोर्ट ने किसी भी प्रकार से बेचने ,दान करने तथा अन्य को हस्तांतरित करने पर 2016 से ही रोक लगा दी है । और इस जमीन को लक्ष्मी यादव के सुपुर्दनामे में देकर कृषि कार्य करने तथा उसकी रकम को अदालत में जमा करने का आदेश दिया था । मजे की बात ये है कि जब श्रवण निर्मलकर ने जमीन का सौदा मनीष गुप्ता से किया तो गवाह के रूप में उसी लक्ष्मी यादव ने दस्तखत किए जिसके सुपुर्दनामें में कोर्ट ने जमीन रखी थी ।


अपने साथ हुए धोखाधड़ी के बाद मनीष गुप्ता ने कोटा थाने में इस बात की शिकायत 14.02.2020 और 01.09.2020 को की लेकिन पुलिस ने इस मामले पर कुछ भी नहीं किया । आज पीड़ित मनीष गुप्ता पुनः अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचे तथा एफआईआर करके न्याय दिलाने की मांग की । कोटा थाने का प्रभार देख रहे प्रशिक्षु आईपीएस गौरव राय ने पूरे मामले को देखते हुए एफआईआर करने के आदेश दिए जिसके बाद श्रवण निर्मलकर पर 420 ,34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है ।

पीड़ित मनीष गुप्ता ने बताया कि – मुझे पहले इस सब फर्जीबाड़े के बारे में जानकारी नहीं थी । 14 लाख में जमीन का सौदा होने के बाद मैने आठ लाख से भी ज्यादा की राशि बयाने के रूप में दे दी । जब मैने रजिस्ट्री के लिए दबाव बनाया और वो आनाकानी करने लगा तब मुझे शक हुआ और जानकारी लेने पर पता चला कि श्रवण निर्मलकर ने मेरे साथ सबकुछ जानते हुए भी धोखाधड़ी किया है । मैने आज कोटा थाने में उसके विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवा दी है ।

 

इस बारे में करगीखुर्द के पूर्व सरपंच श्रवण निर्मलकर से जानकारी चाही गई तो उनका कहना था कि – आवास के समय मटेरियल सप्लाई का पैसा है बाद में मैने अपनी का सौदा उनसे किया लेकिन वो बोले कि अब जमीन नहीं होना पैसा दे दो । मैने आठ लाख में से लगभग छह लाख रूपए बैंक अकाउंट में और नगद में दे दिया है जिसके गवाह भी हैं । एफआईआर क्यों करवाया गया पता नहीं ।

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