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सरपंच-सचिव ने चोैदहवें वित्त की राशि की बाट लगा दी पूरा बजट क्वारंटाईन सेंटर में खर्च।

जिला पंचायत सदस्य ने की कलेक्टर सहित प्रभारी व मुख्यमंत्री से शिकायत

दोषियों पर कार्रवाई नही हुई तो लेंगे न्यायालय की शरण-श्रीमती उमा राजेन्द्र राठौर

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 06.10.2020

 

परसन कुमार राठौर

जांजगीर चाम्पाशासन के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के गांवों में लोगों के बुनियादी सुविधाओं के लिए जारी किए गए चोैदहवें वित्त की राशि का सरपंच सचिव ने मिलकर शासन प्रशासन के बिना लिखित आदेश के मनमाने ढंग से क्वारन्टीन सेंटर में प्रवासी मजदूरों के लिए बेहिसाब राशि का खर्च कर शासन को बिल प्रस्तुत किया है। जिसकी शिकायत जिला पंचायत सदस्य श्रीमती उमा राजेन्द्र राठौर ने कलेक्टर समेत राज्यपाल मुख्यमंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री से की है। मामले की उच्च स्तरीय जांच नहीं होने पर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने की भी बात जिला पंचायत सदस्य ने कही है।

इस संबंध में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती राठौर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में गांव के विकास के लिए चोैदहवें वित्त की राशि शासन ने जारी किया था लेकिन इस राशि का सरपंच-सचिव ने मिलकर शासन प्रशासन के बिना किसी लिखित आदेश के प्रवासी मजदूरों के लिए बनाई गई क्वारन्टीन सेंटर में बिना किसी मापदंड के बेहिसाब राशि खर्च करके संबंधित विभाग को बिल प्रस्तुत करते हुए शासन के आंख में धूल झोंकने का काम किया है।

Jila Panchayt Member

उन्होंने बताया कि चोैदहवें वित्त की राशि ग्रामीण विकास के लिए है। न कि प्रवासी मजदूरों के लिए बनाई गई क्वारन्टीन सेन्टर में। इसके लिए अलग से राशि जारी कर ग्रामीण विकास के लिए शासन द्वारा दी गई राशि को तत्काल वापस करने की मांग को लेकर कलेक्टर यशवंत कुमार समेत प्रदेश के राज्यपाल अनुसुइया उइके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और जिले के प्रभारी मंत्री टी एस सिंहदेव को लिखित रूप में शिकायत पर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है।

जिला पंचायत सदस्य श्रीमती राठौर ने आगे बताया कि इस तरह के गंभीर मामले की उच्च स्तरीय जांच तत्काल शुरू नहीं किया जाता है तो उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर किया जाएगा। वहीं भाजपा के विधायको के माध्यम से विधानसभा में भी यह मामला प्रमुखता से रखी जायेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जांजगीर-चाम्पा एक ऐसा जिला है। जहां सरपंच सचिव की मनमानी चरम सीमा पर है।

चोैदहवें वित्त की राशि की भांति मूलभूत की राशि इनकी पॉकेट मनी बन गई है। इस राशि का उपयोग इस जिले के अधिकतर सरपंच सचिव अपने गलती पर पर्दा डालने के लिए पंचो को खुश करने के उद्देश्य से पंचो के साथ उनके परिजनों को एक साथ पूरी की यात्रा कराते हुए पिकनिक मनाने में खर्च किया जाता है। जिसकी जांच अति आवश्यक है। चूंकि यह मूलभूत की राशि आम जनता के मूलभूत सुविधाओं के लिए है। मगर इसे गांव के पंच परमेश्वर अपना बपौती धन समझ बैठे हैं। जो आम जनता के साथ अन्याय है।

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