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बाजार में जल्द कमी हो सकती है बेबी फुड की , क्योंकि बैंक बेबी फुड को नहीं मानते आवश्यक वस्तु ।

प्रशासन से निकले आदेश में डाग ओैर फीस फुड का तो उल्लेख लेकिन बेबी फुड का नहीं इसलिए बैंक वाले कतरा रहे ।

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 03.05.2021

बिलासपुर – आने वाले समय में हो सकता है बाजार से बेबी फुड जैसे सेरेलॅक ,सैरीग्रो जैसे उत्पादों की कमी हो जाए क्योंकि इसके लिए बैंक वाले कंपनियों के खाते में जमा कराए जाने वाली रकम को जमा करने से कतरा रहे हैं ।


प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा में आने वाले दिनों में बच्चों के बेबी फुड की कमी हो सकती है क्योंकि पिछले कई दिन से इन उत्पाद के एजेंसी मालिक कंपनियों को रकम आरटीजीएस कराने घुम रहे हैं लेकिन सेंट्रल बैंक वाले शासन के आदेश का हवाला देकर रकम जमा करने से मना कर दे रहे हैं । बैंक का कहना है कि आदेश में सिर्फ आवश्यक वस्तु और मेडिकल उत्पादों के बारे में ही लिखा हुआ है ऐसे में ये सब उत्पाद के लिए पैसे जमा नहीं कर सकते । बैंक वालों का ये भी कहना था कि क्या ये करोना महामारी में काम आने वाली चिजें हैं ।


बैंक के इस सवाल जवाब से एजेंसी मालिक परेशान कि अब कैसे अधिकारियों को समझाए कि जितनी जरूरत दाल चांवल की होती है उतनी ही जरूरत छोटे बच्चों के आहार की भी होती है । बैंक वालों का भी कहना सहीं कि आदेश में तो बेबी फुड लिखा ही नहीं है । आदेश में कुत्तों के , मछलियों के दानों तक के बारे में स्पष्ट आदेश है साथ ही डेयरी प्रोडक्ट के भी आदेश हैं लेकिन बेबी फुड के बारे में नहीं जबकि बेबी फुड डेयरी प्रोडक्ट के दायरे में ही आते हैं ।


वैसे ये भी समझना होगा कि बेबी फुड मेडिकल शाॅप में ही मिलते है और छह माह से दो साल तक के बच्चों के लिए ये बेबी फुड लोग इस्तेमाल करते हैं । यदि बैंक का यही रवैया रहा और स्पष्ट आदेश उन्हें नहीं दिया गया तो आने वाले समय में बाजार से बेबी फुड की कमी हो जाएगी । ऐसे में छोटे बच्चे जो ठोस आहार नहीं ले सकते उनके लिए दिक्कत पैदा हो सकती है इसलिए बेबी फुड को लेकर प्रशासन को स्पष्ट आदेश निकालना चाहिए ।

सेंट्रल बैंक के मैनेजर का इस बारे में कहना था कि – माननीय कलेक्टर साहब के आदेश के अनुसार ही काम हो रहा है । अब हम एक एक चिज को ध्यान नहीं दे सकते यदि ये आवश्यक वस्तु या मेडिकल उत्पाद है तो एसडीएम साहब या कलेक्टर साहब से निर्देशित करवा दें । हम तो सहयोग के ही लिए बैठे हैं ।

कोटा एसडीएम टी आर भारद्वाज का कहना था – एजेंसी वाले एक आवेदन दें दे देखने के बाद यदि आवश्यक होगा तो बैंक वालों को निर्देशित कर दिया जाएगा । शासन से जो गाईडलाईन निकली है उसके अनुसार ही काम होगा । यदि ये प्रोडक्ट मेडिकल और आवश्यक वस्तु में होगा तो अनुमति मिल जाएगी ।

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