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रिपोर्ट तो यही आनी थी …मृत वन भैंसे की पीएम रिपोर्ट में बताया स्वाभाविक मौत । पीएम की पीएम करती खबर ।

चार दिन पहले एटीआर के बफर जोन में हुई थी वन भैंसे की मौत ।

सभी जिम्मेदारों ने पीएम रिपोर्ट के बाद ली होगी राहत की सांस ।

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 23.03.2021

 

बिलासपुर – चार दिन से मृत वनभैंसे की खबर वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को ही नहीं थी । दबंग न्यूज लाईव ने जब इस खबर को प्रकाशित किया तो वन विभाग में हडकंप मच गया । जिम्मेदार मृत भैंसे की तलाश में घटना स्थल की तरफ भागे और शाम होते होते वहां पहुंच गए । समय अधिक होने के कारण उस रात अधिकारियों ने दो कर्मचारियों की डयूटी वहां लगा दी ।

अगले दिन विभाग के सभी आला अधिकारी वहां पहुंच गए । पंचनामा हुआ पीएम हुआ और वन भैेसे का दाह संस्कार कर दिया गया , पीएम रिपोर्ट में वन भैंसे की मौत को स्वाभाविक बताया गया । और इसके बाद सभी जिम्मेदार अधिकारियों ने राहत की सांस ली होगी ।

एटीआर में 2021 के शुरू होते ही इन तीन माह में तीन वन भैेंसों की मौत हो चुकी है । चार दिन पहले हुए इस वन भैंसे की मौत के बाद कई सवाल खड़े हो रहे थे । सूत्रों ने बताया कि वन भैंसे की मौत शिकार के दौरान ही हुई होगी । शिकारियों ने दुसरे जानवरों के लिए करंट तार बिछाया लेकिन चपेट में वनभैंसा आ गया होगा । तीन दिन तक वन विभाग को इस बात की जानकारी नहीं हुई ये और गंभीर बात है क्योंकि घटना स्थल शिवतराई रिसार्ट से ज्यादा दूर नहीं है जहां दिन भर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी डटे रहते हैं ।


पीएम रिपोर्ट में वन भैेसे की मौत को स्वाभाविक मौत बताया गया है । लेकिन इस रिपोर्ट पर भी कई संदेह उत्पन्न हो रहे हैं जिसका जवाब पीएम रिपोर्ट में नहीं है । जैसे वन भैंसे की उम्र कितनी थी ? उसका वजन कितना था ? स्वाभाविक मौत का कारण क्या था ? या स्वाभावित मौत मतलब क्या ? क्या वन भैंसा घुमते फिरते ही मर गया ? या उसकी उम्र हो गई थी मरने की ? या वनभैंसे की मौत को कितने दिन हो गए थे ?


21 मार्च को जब दबंग न्यूज लाईव में वन भैंसे की मौत की खबर लगी तब वन परिक्षेत्र अधिकारी को इस मामले का पता चला । उसके बाद वन विभाग का अमला वहां पहुंचा और अपनी जांच शुरू की उस दौरान उन्हें वहां कोई भी सबूत ऐसे नजर नही आए जो शिकार की शंका की पुष्टि करते । 22 मार्च को डाक्टरों के एक दल के वन विभाग के अधिकारियों के समक्ष उसका पोस्टमार्टम किया और बताया कि मौत स्वाभाविक है और अधिक उम्र के कारण इसकी मौत हुई है ।

वन विभाग ने एक लंबा चोैड़ा ब्यौरा अपने पुरे एटीआर का दे दिया है कि एटीआर में 375 वाटर बाॅडी एवं 283 छोटे बड़े नाले हैं । जिसमें प्राकृतिक पानी का प्रवाह मार्च माहिने में भी बना हुआ है । एटीआर में 40-50 छोटे बड़े चारागाह है । ( याने अधिकारियों को चारागाह 40 है या 50 नहीं पता ) पुरी कहानी में एक मजेदार तथ्य बताया गया है जहां वन भैंसे की मौत हुई है वहां बायसन ,चितल और भालुओं के विचरण का अप्रत्यक्ष प्रमाण पर्याप्त मात्रा में है । अब सवाल ये उठता है कि प्रमाण है तो वो अप्रत्यक्ष कैसे है ? और अप्रत्यक्ष अस्पष्ट है तो प्रमाण कैसे ? प्रमाण को तो स्पष्ट होने चाहिए ।

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