करगी रोडकोरबापेंड्रा रोडबिलासपुरभारतमरवाहीरायपुरशिक्षा

जब जिले के शिक्षा अधिकारी और विकासखंड अधिकारी बन जाएंगे करोड़पति तो फिर स्कूलों की दशा तो ऐसी ही होगी । हमला स्कूल दे दे सरकार …गुहार लगा रहे हैं बच्चे ।

सरकार को चाहिए ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के पैसों का उपयोग ऐसे स्कूलों को सुधारने में कर दे ।

दबंग न्यूज लाईव
रविवार 19.09.2021

करगीरोड कोटा – कोटा विकासखंड के सुदुर गांव पहाड़ बछाली में स्थित सरकारी स्कूल के हालात देखने से इतना समझ आ जाता है कि जब जिले में पदस्थ शिक्षा अधिकारी के पास करोड़ों की संपत्ति निकल जाए तो उसने करोड़ों की संपत्ति कहां से अर्जित की होगी ? जब कोई शिक्षा अधिकारी और बीआरसी मंहगी लक्जरी गाड़ीयों में घुमने लगे और करोड़ों की आय इकटठी कर ले तो ये करोड़ो कहां से आए होंगे ?


सरकार जो फंड स्कूलों के रखरखाव और व्यवस्था के लिए देती है वो फंड स्कूल तक पहुंचते ही नहीं और उपर उपर ही सारे पैसे अधिकारियों में आपस में बंट जाते हैं । ये आरोप नहीं हकीकत है । और ये हकीकत हर समय सामने आते रहती है । चाहे बिल्हा विकासखंड में लाखों के गबन का मामला हो या फिर बिलासपुर में पदस्थ रहे और अभी एसीबी के जाल में फंसे यहां के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी हीराधरन ।


हीराधरन जैसे अधिकारियों के पास   जो करोड़ों की संपत्ति आई वो इन्हीं आदिवासी गरीब बच्चों के भविष्य को सुधारने के लिए थी जिसे उन्होंने इन बच्चों तक पहुंचने से पहले ही रफा दफा कर दिया । जब आप किसी गरीब के भविष्य से खिलवाड़ करेंगे तो भगवान आपके भविष्य को कैसे अच्छा करेगा ये बात ऐसे भ्रष्ट अधिकारी भूल जाते हैं ।


कोटा विकासखंड के डांडबछाली ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम पहाड़बछाली में टुटे फूटे प्राथमिक शाला में पढ़ रहे ये छोटे छोटे बच्चे सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि हमला स्कूल दे दे सरकार …। कोटा विकासखंड के अंतिम छोर में बसे पहाड़ी बछाली के स्कूल की तस्वीर और वहां पढ़ कर अपने भविष्य को बनाने में जुटे बच्चों को देखकर आप स्वयं सोचिए कि प्रदेश में स्कूल और शिक्षा का भविष्य क्या है ?


इस सरकारी स्कूल में ना छत है ….ना फर्श …ना बैठने की जगह ..ना किचन शेड …। ये स्कूल जानवरों के लिए बनाए गए कांजीहौस की याद दिलाती है । स्कूल के हर कमरे की छत टपक रही है और प्लास्टर गिर रहा है फर्श पानी से भरे हैं जहां बच्चे बैठ नहीं सकते । ग्रामीणों और शिक्षकों का कहना था कि कई बार अधिकारियों और विधायक तक को यहां की स्थिति बता दी गई है लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला ।


मिलेगा भी क्या ? जब स्कूल बन रहा था तब ना पंचायत ने ध्यान दिया ना किसी ग्राम वाले ने कि निर्माण कैसा हो रहा है ? अधिकारी अपना कमीशन पाकर खुश ? तो निर्माण तो ऐसा ही होना है । सरकार को चाहिए कि जिले के इस स्कूल का निर्माण इस जिले में पदस्थ पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जिसने करोड़ों की अपनी नीजि संपत्ति स्कूलों का ये हाल करके बना ली उसके फंड से करवा दे ताकि कुछ गुनाह उनका भी कम हो जाए ।

 

 

Related Articles

Back to top button