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भैंसाझार के जंगल में ट्राला और बड़ी कटर मशीन लेकर बेशकिमती पेड़ काटने पहुंचे लकड़ी तस्कर ।

विभाग ने कार्यवाही के नाम पर जप्त की लकड़ी लेकिन मशीन और गाड़ियां गायब ।

दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 18.02.2022

बिलासपुर -भैंसाझार के आरक्षित वन में दो दिन पहले उस समय हडकंप मच गया जब विभाग को जानकारी हुई कि जंगल के अंदर एक ट्राला ,पेड़ काटने की मशीन और हाईड्रोलिक मशीन जंगल में घुसी है और सरई के बड़े बड़े तीन से चार पेड़ों को काट दिया गया है ।


वन विकास निगम का वो अमला जो गरीबों पर गटठे दो गटठे लकड़ी काटने को लेकर रौब में आ जाता है वो दल बल के साथ घटना स्थल पर तो पहुंच गया लेकिन कार्यवाही करने में उसके हाथ पैर फूलने लगे । देर रात तक अधिकारी ना तो इस संबंध में बात करने को तैयार थे और ना ही कोई जानकारी देने वाला था । अंदरूनी सूत्रों से जो जानकारी प्राप्त हुई उसके अनुसार विभाग को गुरूवार शाम को ही ये जानकारी हो गई थी और विभाग के कर्मचारी वहां पहुंच गए थे लेकिन जिस ढंग से पेड़ काटे गए थे और जैसी मशीनें वहां थी उस पर कार्यवाही करने में अधिकारियों को पसीने छुट रहे थे ।


जानकारी ये भी प्राप्त हुई कि पेड़ काटने वाले लोग मस्तुरी की तरफ से आए थे । जानकारी के बाद विभाग ने लकड़ी की तो जप्ती कर ली लेकिन मशीनें और गाड़ियां गायब हो गई । सूत्रों ने ये भी बताया कि देर रात तक वन विकास निगम के भैंसाझार नर्सरी में काफी गहमा गहमी रही । दो दिन तक विभाग को यही समझ नहीं आया कि क्या कार्यवाही की जाए और की भी जाए या मामले को रफा दफा करते हुए पल्ला झाड लिया जाए । और इसी उहापोह में विभाग के उच्च अधिकारी कुछ कहते तो फिल्ड के अधिकारी कुछ और ।


वन विकास निगम की रेंजर शांता कश्यप ने बताया कि – आरएफ 241 में पेड़ों को काटा गया है ,जानकारी के बाद जब हम वहां पहुंचे तो सिर्फ लकड़िया मिली गाड़िया वगैरह नहीं थी । लकड़ियों की जप्ती बना ली गई है और नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी ।


बीट के डीप्टी रेंजर चौरे का कहना था – स्पाट पर सिर्फ लकड़िया मिली ,मशीन और गाड़ियां खाली सड़क किनारे खड़ी थी इसलिए उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है ।

वन विकास निगम के डीएम का कहना था कि – भैंसाझार के आरक्षित जंगल में पेड़ काटने की सूचना प्राप्त हुई थी जिसके बाद कार्यवाही की गई है । लकड़ी और गाड़ियों की जप्ती की गई है और आरक्षित वन में अपराध हुआ है उसमें नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी ।

इस पूरे मामले में जिस प्रकार की बयानबाजी और जानकारी विभाग के उच्च अधिकारी और मैदानी अधिकारी दे रहे हैं वो पूरा गोल मोल ही है । विभाग के डीएम का कहना था कि एक पोकलेण्ड और एक हाईवा जप्त की गई है , आदमी लोग भी है लेकिन आदमी लोग राजीनामा कर रहे हैं जबकि वहां की रेंजर का कहना था कि सिर्फ लकड़ियां जप्त की गई है गाड़िया नहीं थी ।

कल देर रात विभाग ने उन्हीं गाड़ियों में लाद कर पेड़ों को भैंसाझार नर्सरी पहुंचाया जिसे सड़क किनारे खड़ी होना बताया था और जप्ती से इंकार किया था । पूरे मामले को देखने से तो यही लगता है विभाग के निकम्मे अधिकारियों के बुते जंगल की सुरक्षा होने से रही ।

अब विभाग ऐसा गोल मोल जवाब कैसे दे रहा है पता नहीं । यदि विभाग ऐसे ही कार्यवाही करता रहा तो वो समय दूर नहीं जब लोग बेधड़क होकर जंगल काटने साजो सामान के साथ पहुंच जाएंगे और विभाग बाद में जाकर ठूंठ की जप्ती बनाकर अपनी पीठ थपथपाते रहेगा ।

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