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अस्पताल में भगवान ही नहीं शैतान भी रहते हैं ।

 बिलासपुर के श्रीराम केयर हास्पिटल में निकले दो शैतान ,वेंटिलेटर पर भर्ती युवती से किया बलात्कार ।

मानवता  को शर्मसार करती खबर ।

नाम रखा मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम का और काम पर रख लिए राक्षस ।

दबंग न्यूज लाईव
रविवार 24.05.2020

बिलासपुर – अस्पताल में सिर्फ भगवान ही नहीं रहते शैतान भी रहते हैं और इतने घिनौने की उनकी हरकत सुनकर आपके अंदर का क्रोध और गुस्सा उबाल मारने लगे । बिलासपुर के एक नीजि अस्पताल श्री राम केयर में ऐसे ही दो शैतानों का कारनामा सामने आया है जिसने स्वास्थ्य जैसे महकमे ,डाक्टर जैसे पेशे और दिन रात काम करने वाले अस्पताल कर्मीयों के सर शर्म से झुका दिए होंगे सर तो पुरे समाज का भी झुक गया होगा ।


ये कारनामा करने वाले श्री राम केयर हास्पिटल के दो वार्ड ब्वाय है जिनमें से एक का नाम सुरेन्द्र बताया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिले के पास के एक गांव की पीड़िता जो कि इंजिनयरिंग की छात्रा है को श्रीराम केयर में एडमिट किया जहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था । नीजि अस्पतालों का अलग ही जलवा रहता है मरीज के रिश्तेदारों को तो उनसे मिलने ही नहीं दिया जाता ।

पूरी घटना 21 और 22 की रात का बताया जा रहा है इस रात यहां के दो वार्ड ब्वाय ने वेंटिलेटर पर ही पीड़िता से बलात्कार किया । पीड़िता के पिता का कहना है कि जैसे ही उसकी बच्ची को होश आता उसे मास्क और इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया जा रहा था । युवती के पिता ने बताया कि बच्ची की तबीयत खराब होने पर उसे लेकर सिम्स आया था लेकिन तबियत ज्यादा बिगड़ी तो श्री राम केयर ले आया । घटना के बाद जब बच्ची का पिता उससे मिलने गया तो बेटी ने अपने बाप को सब कुछ ईशारे से बताया फिर कागज और पेन मांगा और लिख कर बताया कि उसके साथ दो लोगों ने रेप किया है । इतना सुनते ही पिता के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई उसने तत्काल इस मामले की जानकारी पुलिस को दी और फिर सिविल लाईन पुलिस श्रीराम केयर अस्पताल पहुंच गई । पिछले कई घंटों से पुलिस श्रीराम केयर में डटी हुई है ंजबकि अस्पताल प्रबंधन पूरे मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है ।

सिविल लाईन पुलिस का कहना है कि – फिलहाल अभी जांच चल रही है । जांच के बाद ही सब सामने आएगा दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी ।

दोषियों पर तो कार्यवाही होगी लेकिन ऐसे अस्पताल और उनके प्रबंधकों पर क्या कार्यवाही होगी ? क्या अस्पतालों के गाईड लाईन में कुछ सुधार होना चाहिए ? क्या वेंटिलेटर सेक्शन या जहां परीक्षण किया जाता हो अकेली महिला या युवती का वहां उसके परिजन को जाने अनुमति नहीं मिलनी चाहिए ? क्यों ऐसे डाक्टर ऐसे अस्पताल या ऐसे अस्पतला कर्मीयों पर युवती के परिजन भरोषा करें ? बहुत कठिन सवाल हैं देखिए जवाब क्या आता है ? कार्यवाही क्या होती है ?

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