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गंभीर मामला – पंचायत ने बनाई अपनी गाईड लाईन क्वांरटाईन सेंटर से सात दिन में छोड़ दिया ।

सचिव ने कहा सात दिन वहां से आने में लगे , सात दिन यहां रख लिए हो गए 14 दिन ।

एसडीएम का कहना – गंभीर है मामला होगी कड़ी कार्यवाही ।

 

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 23.05.2020

करगीरोड कोटा – सरकार और स्वास्थ्य विभाग की क्वारंटाईन सेंटर और वहां रहने वालों के लिए स्पष्ट नीति है कि क्वारंटाईन सेंटर में 14 दिन रखने के बाद ही उन्हें वहां से छोड़ा जाए । लेकिन कोटा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले लिटिया पंचायत के सरपंच और सचिव ने अपनी नई गाईड लाईन बना ली है इसके अनुसार यहां से सात दिन में ही बाहर से आए 11 मजदूरों को छोड़ दिया गया अब ये मजदूर आराम से अपने गांव में घूम रहे हैं ।


कोटा विकासखंड के लिटिया ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम मोहंदी में क्वारंटाईन सेंटर का हाल बुरा है । वहां की शिकायत कई दिन से प्राप्त हो रही थी । जब पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए मोहंदी का दौरा किया गया तो यहां के क्वारंटाईन सेंटर में कई परेशानी सामने आई । थोड़ी बहुत दिक्कत और परेशानी आम बात है और उतनी परेशानी चलती है । लेकिन यहां जो सबसे गंभीर बात सामने आई वो ये कि इस क्वारंटाईन सेंटर से 11 मजदूरों को सात दिन में ही छोड़ दिया गया । अब ये मजदूर अपने घरों में है तथा गांव में घूम रहे हैं ।


गांव के उपसरपंच और पंचों ने भी ये आरोप लगाया कि सचिव के द्वारा सात दिन में ही यहां से लोगों को छोड़ दिया गया । हमने जानकारी ली तो बोले कि सब काम नियम से हो रहा है । यहां की अव्यवस्था को लेकर एक दिन पहले ही गांव के एसपी याने सरपंच पति और उपसरपंच में मल्लयुद्ध भी हो चुका है जिसकी शिकायत दोनो पक्षों ने थाने में की ।


मोहंदी के प्राथमिक शाला को क्वारंटाईन सेंटर बनाया गया है । यहां पांच कमरे हैं और दो शौचालय है जिसमें से एक विदेशी स्टाईल का है जिसका उपयोग सेंटर में रहने वाले नहीं करते यानी एक ही शौचालय उपयोग में है और यहां रहने वालों की संख्या है चोैसठ । याने पांच कमरों में उन्हें बांट दिया जाए तो एक कमरे में एक दर्जन से कुछ ज्यादा ।

यहां रहने वालों ने बताया कि शौचालय की बहुत दिक्कत है एक ही हैै वो भी गंदा हो गया । बाहर से कोई साफ करने आता नहीं हमने पंचायत से कहा कि सेनेटाईजर या फिनाईल दे दो हम ही साफ कर लेगे लेकिन उन्होंने एक छोटी शीशी फिनायल की दो दिन पहले दिया फिर नहीं उतने में कहां शौचालय साफ हो पाएगा । यहां सेनेटाईजर और साबून भी नहीं है मांगने पर भी नही मिलता । जुठन फेंकने और हाथ धोने के लिए एक गडढा खोद दिया गया है उसमें से भी बहुत बदबू आने लगी है लगता है उसी से बिमारी मत फैल जाए ।

हमने इस संबंध में यहां के सचिव केशव यादव से बात की तो उनका कहना – सेंटर में सब व्यवस्था है गांव वाले ऐसे ही कुछ भी बोलते हैं । लाईट पानी सब है खाना भी दे रहे हैं । सात दिन में यहां से लोगों को छोड़ने की बात पर उनका कहना था कि सब नियम के अनुसार ही हुआ है ये लोग अपने वहां से चलकर सात दिन में यहां पहुंचे थे और सात दिन यहां रख लिया गया था दोनों मिलाकर चोैदह दिन हो गए थे इसलिए छोड़ दिया गया जैसा स्वास्थ्य विभाग ने कहा वैसा किया गया है ।
बाद में सचिव ने हमसे ये भी कहा कि आप लोग तो समझदार हैं देख लिजिएगा । गावं वाले ऐसे ही बोलते रहते हैं ।

सात दिन में क्वारंटाईन सेंटर से छोड़ देने के मामले में हमने कोटा एसडीएम और कंमाडेंट आफिसर आनंदरूप तिवारी से बात की तो उनका कहना था – सात दिन में कैसे छोड़ दिया जाएगा जिस दिन क्वारंटाईन सेंटर में रजिस्टर्ड होंगे उस दिन से चोैदह दिन गिना जाएगा । यदि पंचायत ने सात दिन में क्वारंटाईन सेंटर से लोगों को छोड़ा है तो इस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी ये बहुत बड़ी लापरवाही है ।

 

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