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दाऊजी ध्यान दीजिए -सोलह माह के हजारो घंटो के इंतजार के बाद भी प्रदेश के युवाओं को मिली निराशा , हताशा और डिप्रेशन ।

प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया इतनी स्लोमोशन में कि कछुवा भी जीत जाए ।

मार्च 2019 से जून 2020 आ गया लेकिन अभी भी इंतजार खतम नहीं ।

 

 

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 03.06.2020

 

Sanjeev Shukla

रायपुर – 9 मार्च 2019 प्रदेश के डीएड बीएड किए लोगों के लिए आशा और उम्मीद की रोशनी लेकर आया क्योंकि इस दिन प्रदेश सरकार ने एक दो नहीं पूरे चोैदह हजार पांच सौ अस्सी व्याख्याता , शिक्षक , सहायक शिक्षक और प्रयोगशाला सहायक के पदो की भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञापन निकाला । विज्ञापन देख प्रदेश के युवाओं के चेहरों पर खुशी आ गई उन्हें लगा कि उनकी सालों की मेहनत का फल अब मिलेगा , उन्हें भी अब नौकरी मिलेगी और उनके भी सपने सच होंगे ।

लेकिन ये क्या मार्च 2019 से आज जून 2020 आ गया लगभग सोलह माह दिनों में गिने तो मोटा मोटी 480 दिन और घंटों में गिने तो लगभग 12000 घंटे इस बीच सरकार ने सिर्फ आवेदन लिए और परीक्षाएं ली इतने दिनों में प्रदेश के युवाओं को क्या मिला सिर्फ इंतजार …अवसाद …निराशा और डिप्रेशन ।
येे पूरी कहानी बताने का उद्देश्य ये है कि सरकार नौकरी के विज्ञापन निकालती है परीक्षाएं लेती है और फिर भूल जाती है । युवा पूरी मेहनत से तैयारी करते हैं परीक्षा देते हैं और फिर शुरू होती है इंतजार की ना खतम होने वाली घड़ियां ।

प्रदेश में भी यही हो रहा है । सरकार ने शिक्षकों के 14580 पदों पर 9 मार्च 2019 को विज्ञापन निकाला फिर परीक्षाएं ली और उसके बाद सब इतना स्लोमोशन में चले गया कि परीक्षा देने वाले सिर्फ उसकी गति बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन सरकारी काम है कैसे होता है सभी जानते हैं ।

ऐसा नहीं है कि इस बीच डीएड बीएड वालों ने प्रयास नहीं किए पूरे प्रदेश भर में इन लोगों ने अपने विधायक के माध्यम से आवेदन किए ,शिक्षा मंत्री को आवेदन दिया लेकिन मिला क्या सिर्फ आश्वासन । आश्वासन हमारे देश की सबसे बड़ी एंटीबायोटिक है इसको दे दो बंदा कई साल जिंदा रहता है ।

इस बीच सरकार के वित्त विभाग से एक आदेश निकला है जिसमें ये कहा गया है कि जिन पदों की भर्ती की अनुमति प्राप्त हो चुकी है और उनकी नियुक्ति शेष है उनके लिए भी वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी । आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि ऐसे प्रकरणों में जहां भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है ,भर्ती प्रक्रिया जारी रखी जा सकती है किन्तु नियुक्ति आदेश जारी करने के पूर्व वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी । याने यदि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू भी होती है तो विभाग को पुनः वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी ऐसे में प्रक्रिया और लंबी हो सकती है ।वैसे भी कोई भी भर्ती प्रक्रिया तभी शुरू होती है जब वित्त विभाग से अनुमति प्राप्त हो जाती है ऐसे में फिर से उसी पद और उसी भर्ती के लिए पुनः वित्त विभाग से अनुमति क्यो ?

सरकार को चाहिए कि अब देश के युवाओं को उनका हक दिया जाए । भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए । डिप्रेशन के शिकार होते युवाओं को ज्वानिंग आदेश दिए जाएं जिससे वो उसी उत्साह के साथ प्रदेश के लिए अपना फर्ज निभा सकें जैसे वे मार्च 2019 के पहले थे ।

 

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