राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों के राशन कार्ड निरस्त, अब कन्द-मूल सहारा, विधायक ननकीराम कंवर ने दी राशन सामग्री
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कोरबा {गेंदलाल शुक्ल} । विलुप्त हो रहे अनुसूचित जनजाति पहाड़ी कोरबा के जिले में निवासरत सैकड़ों परिवारों के राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। पिछले सात माह से इन परिवारों को शासकीय उचित मूल्य की दुकान से राशन और अन्य सामग्री प्राप्त नहीं हो रही है। राष्ट्रपति के इन दत्तक पुत्रों को कन्द-मूल खाकर गुजर-बसर करना पड़ रहा है।
पहाड़ी कोरवा जनजाति के परिवारों की यह दु:खद दास्तान उस वक्त सामने आई जब रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक और छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर अपने चुनाव क्षेत्र के प्रवास पर मंगलवार को पहुंचे। कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए दूरस्थ वन गांवों लेमरू, नकिया, विमलता, खममोन, पेंड्रीडीह पहुंचे विधायक को कोरवा जनजाति के परिवारों ने अपनी व्यथा कथा सुनाई।
अकेले खम्मोन गांव के 44 परिवारों के राशन कार्ड बिना कोई जांच पड़ताल किए निरस्त कर दिया गया है। विगत सात माह से राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले ये वनवासी परिवार कन्दमूल से अपनी भूख मिटा रहे हैं।
आजादी के 73 साल बाद भी खम्मोन गांव तक पहुंचने के लिए पगडंडी से रास्ता तय करना पड़ता है। विकास से कोसों दूर नकिया पंचायत के इस गांव में विधायक कंवर ने अपने साथ ले जाया गया राशन का वितरण किया। उन्होंने वनवासियों को कोरोना वायरस के खतरे से अवगत कराया और मास्क बांटकर सामाजिक दूरी के जरिये कोविद 19 से अपना बचाव करने की अपील की।
विधायक कंवर ने बताया कि वन क्षेत्र के निवासी अनेक विपन्न कोरबा परिवारों का राशन कार्ड निरस्त कर देने की शिकायत वे प्रदेश की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से करेंगे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की मांग करेंगे।