करगी रोडकोरबापेंड्रा रोडबिलासपुरभारतमरवाहीरायपुर

स्कूल में शराब पीकर बैठा प्रधानपाठक बांट रहा विद्यार्थीयों को राशन।

प्राथमिक शाला कुरदर का मामला ।

शैक्षिक समन्वयक ने महीनों से नही किये स्कुल के दर्शन ।

 

 

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 10.06.2020

बेलगहना-संकुल केन्द्र डोंगरी पारा के शिक्षक इन दिनों नैतिकता की सारी हदों को पार कर अपनी शिक्षकीय मर्यादा के प्रतिकूल आचरण कर रहे। मामला कोटा विकासखण्ड के डोंगरीपारा संकुल के प्राथमिक शाला कुरदर का है जहां के प्रधान पाठक मनहरण लाल शराब के नशे में धुत आधे अधुरे कपड़े पहनकर बच्चों को मध्यान्ह भोजन का खाद्यान्न बांट रहे थे ।

दबंग न्यूज लाइव की टीम जब वहां पहुंची और शराब पीये होने के विषय में पंूछा तो कैमरे के सामने प्रधान पाठक महोदय ने कहा कि थोड़ी सी ले लिया हूं । स्कूल में छोटे छोटे बच्चे मध्यान्ह भोजन का चावल आदि लेने के लिए जमा हो रहे थे और उस कमरे में जहां से गुरूजी वितरण कर रहे थे अनाज और तेल आदि के अलग अलग पैकेट जमीन मे रखे थे जबकि शासन के निर्देशानुसार सभी सील बन्द पैकेट को एक बडे़ पैकेट मे पैक कर वितरण करना है साथ ही एकदम छोटे छोटे बच्चे जो अपने बस्ते का भार बड़ी मुश्किल से उठा पाते हैं उनको अनाज के बड़े बड़े पैकेट थमाए जा रहे थे कुछ बच्चे तो मघ्य दोपहर में घूप में ही उस गठरी को लेकर बैठे थे ।

गुरूजी से जब पूंछा गया कि छोटे छोटे बच्चों को अनाज का पैकेट घर न पहुंचाकर उन्हे स्कूल में ऐसे पैकेट क्यों दिये जा रहे तो उन्होने बताया कि हमारे शैक्षिक समन्वयक प्रदीप चाण्डक ने मिटींग में कहा है कि स्कूल से वांटो बाद में जो नही आएंगें उनका घर पहुंचा देना । जबकि वितरण संबधी विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि बच्चों और उनके पालकों की सुविधानुसार सूखे अनाज का पैकेट बनाकर वितरण करना है इस आदेश के परिपेक्ष्य में समन्वयक महोदय ने अपनी सुविधानुसार वितरण का निर्देश प्रधान पाठकों को दे डाला।

शैक्षिक समन्वयक के मानिटरिंग के विषय में पूछने पर प्राथमिक और माध्यमिक दोनों स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि 3 4 महीनों से वो नही आये है और सारे आवश्यक निर्देश फोन पर या बेलगहना बुलाकर दे देते हैं । बाद में ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों से पूछने पर पता चला कि समन्वयक महोदय कई महीनों से स्कूल में नही देखे गये है पहले तो कभी कभार दिख जाते थे अब बिल्कुल नही आते स्पष्ट है कि वो भी शासकीय कार्य अपनी सुविधानुसार संकुल के नजदीक ही अपनी दुकान से निपटा रहे हैं । ऐसी स्थिति में संकुल केन्द्र से जुडे़ स्कुलों की इस हालत पर किसी को आश्चर्य नही होना चाहिए ।


इस सम्बन्ध में जब हमारे रिपोर्टर ने बी.आर.सी. प्रमोद शुक्ला से पूंछा तो उन्होने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि अभी तो कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद हैं स्कूल खुलने दिजीये फिर जांच कर बतातें है ।

जबकि कोटा बीईओ संजीव शुक्ला का इस बारे में कहना था – यदि कोई बच्चा छोटा है और उसके गार्जियन नहीं है तो घर पहुंचा कर अनाज देना है लेकिन यदि गार्जियन और पालक हैं तो फिर वे स्कूल आकर ले जा सकते हैं । टीचरों को ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी छोटे बच्चे को जो अकेले आया है उसे राशन ना दें । बाकी अव्यवस्थाओं की मैं जानकारी लेता हूं ।

 

Related Articles

Back to top button