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कोटा विधानसभा – भाजपा के एक निराश टिकट दावेदार ने कहा ये तो पता था …I

कोटा भाजपा में असंतोष जल्द सामने आ सकती है बगावत ।
सबके अपने अपने फायदे अपने अपने लाभ और अपनी अपनी महत्वाकांक्षा लेकिन इस सबके बीच कोटा को क्या मिलेगा ?

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 03 अक्टूबर 2023

कोटा / बिलासपुरदबंग न्यूज लाईव ने अपने पिछले अंक में ही ये संभावना जताई थी कि कोटा विधानसभा से भाजपा संगठन किसी स्थानीय नेता को नहीं किसी बाहरी नेता को ही कोटा विधानसभा में उतारेगी । ऐसे में दो दिन से जिस प्रकार से भाजपा की संभावित लिस्ट जारी होने के बाद हवा में तैर रही है उसने कोटा विधानसभा के सारे गणित को फेल कर दिया है ।

कोटा विधानसभा से संभावित सूची में जिस प्रकार से प्रबल प्रताप सिंह का नाम सामने आया है उससे टिकट के दावेदार सभी स्थानीय नेता कोमा में चले गए हैं और इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है ।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा विधानसभा के सभी छह मंडल कोटा , बेलगहना ,रतनपुर ,करगी ,पेण्ड्रा और गौरेला के टिकट दावेदारों और नेताओं ने एक बैठक रखी और उसमें इस बारे में विस्तार से चर्चा की और हो सकता है कि कल यहां का एक दल रायपुर तक कूच कर जाए और अपना विरोध दर्ज करवाए ।

अंदरूनी सूत्रों के अनुसार कोटा विधानसभा के भाजपा के कुछ स्थानीय दिग्गज नेताओं ने एक धार्मिक स्थान पर ये बैठक की है और बाहरी प्रत्याशी को कोटा में थोपने को लेकर उनमें विरोध के स्वर मुखर हुए हैं साथ ही कल एक प्रतिनिधि मंडल रायपुर जाने वाला हैं जहां वो प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही कुछ शीर्ष नेताओं से मिलकर अपनी बात रखने वाले हैं । कोटा विधानसभा में प्रबल प्रताप सिंह जुदेव का नाम आने के बाद दो चार नेताओं को छोड़कर बाकी विरोध की मुद्रा में आ गए हैं ।

चुनाव के पहले कोटा में भाजपा नेताओं की निराशा और विद्रोह चुनाव में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है । कई माह से यहां के स्थानीय टिकट के दावेदार अपनी अपनी फिल्डिंग में लगे थे कैच तो काफी उपर उछला था लेकिन कोई भी स्थानीय नेता इसे नहीं लपक पाया ।

टिकट के दावेदार एक प्रत्याशी जो काफी सदमे में थे का कहना था – शुरू से ही कोटा विधानसभा से स्थानीय प्रत्याशी को ही टिकट देने की मांग हो रही थी और पैनल में भी स्थानीय का ही नाम गया था लेकिन अचानक से टिकट बंटवारे में ऐसा हो जाएगा नहीं पता था ।

वहीं एक फायर ब्रांड युवा नेता ने तंज करते हुए कहा – स्थानीय नेता में काबिल  ही कोैन है दो रूपए तो खर्च करना नहीं है विधायक का चुनाव लड़ेंगे । यदि टिकट ही चाहिए था तो छह माह पहले से माहौल बनाते जनता के बीच जाते और अपनी दावेदारी करते ।

बहरहाल ये भी तय है कि भाजपा संगठन से यदि प्रबल प्रताप सिंह का नाम ही फाईनल होता है तो ऐसे में भले ही पूरे मन से ना सहीं संगठन के दबाव में सभी को एकजुट होकर काम करना ही होगा क्योंकि नेताओं के भी अपनी आगे की राजनीति को देखते हुए अपने अपने लाभ और अपने अपने हीत भी होंगे ।

लेकिन ये मुद्दा बाकी पार्टियों के लिए चुनावी मुद्दा बन सकता है खासकर जनता कांग्रेस के लिए क्योकि कांग्रेस से भी किसी स्थानीय को टिकट मिलने के आसार नहीं है ऐसे में जनता कांग्रेस इस मुद्दे को चुनाव में बड़ा मुद्दा बना सकती है ।

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