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एक गायब नवयुवक …एक सत्तर साल की महिला और एक उसका बेटा …अपराध की दिल दहलाने वाली वारदात ।

पुलिस जांच में जब परत दर परत खुली कहानी तो पुलिस भी आ गई सकते में ।

दबंग न्यूज लाईव
16.02.2023

धम्मकिर्ती नंदेश्वर

डोगरगढ़ -तारीख थी ग्यारह फरवरी दिन था शनिवार जब डोंगरगढ़ पुलिस को एक युवक की लाश मिलने की सूचना मिली । सूचना चूंकि लाश की थी इसलिए पुलिस चैकन्नी हो गई । पुलिस जब घटना स्थल पर पहुंची तो वहां एक युवक की लाश पड़ी थी और पास में ही उसकी सायकल भी । पहली नजर में ही पुलिस को मामला हत्या का लगा ।
पुलिस ने जब अपनी जांच शुरू की तो पता चला कि मृतक कोलेन्द्र गांव का छबीलाल है । अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौति इस अंधे कत्ल को जल्द से जल्द सुलझाने की थी ।


पुलिस ने पूरे मामले की तफतीश की तो पता चला कि छबीलाल सुबह आठ बजे अपने खेत में गेंहू को पानी पलाने गया था उसके बाद से उसका पता नहीं चला । परिवार वालों ने खोजबीन की तो उसकी लाश प्लान्दूर खार के पास मिली थी ।


सवाल ये था कि छबीलाल को आखिर मारा किसने था ? डोंगरगढ़ पुलिस ने चौकी प्रभारी मोहारा , चिचोला और सायबर सेल की एक टीम बनाकर जांच शुरू की तो पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आने लगे ।
पुलिस को पता चला कि जिस समय छबीलाल अपने खेतों में था उस समय उसके पास के खेतों में रामकुंवर वर्मा भी अपने खेत में काम कर रही थी और लगभग साढे पांच बजे वहां से वापस हुई थी ।


पुलिस ने रामकुंवर वर्मा से पूछताछ की तो हत्या की गुत्थी सुलझते देर नहीं लगी । रामकुंवर जिसकी उम्र लगभग सत्तर साल बताई जा रही है ने पुलिस को जो कहानी बताई उसके अनुसार खेत में छबीलाल और रामकुंवर के बीच जमीन को लेकर विवाद हो गया था । छबीलाल रामकुंवर को गंदी गंदी गाली देने लगा जिससे विवाद इतना बढ़ा कि राम कुंवर ने लाठी से छबीलाल पर हमला कर दिया । लाठी का वार इतना तगड़ा था कि छबीलाल की मौत हो गई ।

इसके बाद रामकुंवर अपने घर आई और अपने बेटे तिलक वर्मा को सारी बात बताई । तिलक वर्मा ने अपनी मां को बचाने के लिए लाश को ठिकाने लगाने की सोची और रात में खेत जाकर छबीलाल की लाश को घटनास्थल से दूर फेंक आया जिससे ये लगे कि पूरा मामला एक्सिडेंट का है ।

रामकुंवर वर्मा के कबूलनामे के बाद पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त लाठी ,खून लगे कपड़े जप्त करते हुए अपराधियों को हिरासत में ले लिया । इस पुरे मामले को सुलझाने में डोंरगढ़ पुलिस के साथ ही मोहारा , चिचोला और सायबेर सेल की टीम ने सराहनीय कार्य किया ।

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