गर्मी और प्यास से बेहाल हुआ सफेद भालू मरवाही के गांव के पास मिला ।
जामवंत परियोजना गर्त में ।
दबंग न्यूज़ लाइव
गुरुवार 25.04.2024
बीपत सारथी
मरवाही _ छत्तीसगढ़ में मरवाही के जंगल भालुओं के लिए काफी प्रसिद्ध हैं । यहां के भालू गाहे बगाहे जंगल से निकलकर गांव की तरफ भी बड़ी संख्या में पहुंच जाते हैं। वन विभाग और शासन ने इनके पुनर्वास के लिए जामवंत परियोजना भी चलाई थी वर्तमान में इस योजना का क्या हाल है पता नहीं ।
मरवाही वन मंडल में कटते जंगल और जंगलों में होते अवैध खनन और कब्जे ने वन्य जीवों के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है । जो जंगल बचे हैं उनमें भी पानी और भोजन की समस्या है ऐसे में ये भालू और अन्य वन्य जीव जंगल छोड़ के बाहर आने लगे है । जामवंत परियोजना भालुओं के पुनर्वास के लिए बनाई गई थी लेकिन इसके फंड का उपयोग भालुओं से ज्यादा उन पर हो गई जिनके ऊपर योजना को सफल बनाने की जिम्मेदारी थी ।
मरवाही वनमण्डल में आज सुबह बीमार अवस्था में सफेद भालू का एक शावक मिला। ग्रामीणों के अनुसार आज तड़के सुबह 5 बजे मरवाही वनमण्डल के महोरा बीट में सड़क किनारे बीमार अवस्था में सफेद भालू देखा गया।
अचेत अवस्था में पड़े भालू को देखकर ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कई घंटे लेट पहुंचे जब तक ग्रामीणों के द्वारा किसी तरह पशु चिकित्सक को बुलाकर प्राथमिक उपचार कराया गया और पानी पिलाया।
कई घंटे बीत जाने के बाद वनविभाग के डीएफओ वनविभाग के कर्मचारियों के साथ पहुँचे। वन विभाग के अनुसार सफेद भालू के शावक का रेस्क्यू किया गया है इलाज के लिए टीम बुलाई गई है प्रारंभिक तौर पर अभी शावक ठीक है पल्स रेट ठीक चल रही है।
इस दौरान यदि शावक की मां आती है तो उसके आने के बाद शावक भालू के स्वास्थ का परीक्षण किया जाएगा उसके बाद उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
वही भूतपूर्व विधायक पहलवान सिंह मरावी ने वनविभाग पर अनदेखी और लापरवाही का आरोप लगाया है। बतादें कि मरवाही वनमण्डल में हो रही अवैध कटाई और अवैध उत्खनन से भालू इस तरह सड़क किनारे व आबादी वाले क्षेत्र की ओर पहुंच रहे हैं ।