दो दिन पहले गांव वालों ने रोक दिया था जेसीबी ।
दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 25.01.2022
करगीरोड – सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अचानकमार के बीजहाढोढही में तालाब का निर्माण शुरू हो गया है । ज्ञात हो कि दो दिन पहले ही अचानकमार टाईगर रिजर्व के अचानकमार ग्राम पंचायत के लोगों ने जेसीबी को काम करने से मना कर दिया था । गांव वालों का कहना था कि यदि जेसीबी से काम होगा तो फिर उनको रोजगार कैसे मिलेगा और जंगल में वैसे भी रोजगार की काफी समस्या है । लेकिन अधिकारियों ने गांव वालों को समझा बुझाकर काम देने की बात कही थी । सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सुबह से ही जेसीबी और ट्रेक्टर से यहां तालाब बनना शुरू हो गया है ।
ग्राम पंचायत के सरपंच का कहना था कि – जंगल में वैसे भी रोजगार की दिक्कत है ऐसे में यहां होने वाले काम भी मशीनों से होंगे तो यहां के लोगों को कैसे काम मिलेगा । लोगों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो जाएगा ।
एक अधिकारी का कहना था कि एनटीसीए की स्पष्ट गाईड लाईन है कि टाईगर रिजर्व के कोर जोन में पेड़ काटना और भारी वाहन या मशीनों का उपयोग प्रतिबंधित है ऐसे में कोर जोन में इस तरह से कार्य गैरकानूनी है ।
2010 में भी एटीआर के अंदर तालाब खोदने में लगाई गई जेसीबी ने वर्करों के द्वारा शिकार करने की घटना सामने आई थी । ऐसे में उस घटना से सबक ना लेते हुए भी अधिकारियों के द्वारा फिर से बाहरी लोगों को कोर जोन में एण्ट्री दे देना समझ से परे हैं ।
अचानकमार टाईगर रिजर्व के रेंजर से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था – ये टेंडर वर्क है और उपर से ही टेंडर हुआ है । जहां जरूरत होती है वहां मशीनों का उपयोग किया जा सकता है । बाकी मजदूरों से भी काम लिया जाएगा । अचानकमार में पंद्रह पंद्रह लाख के चार तालाब बनने वालें है और जहां जैसी जरूरत होगी उस हिसाब से काम करवाया जाएगा ।
अधिकारियों का ये कहना ठीक है कि टेंडर है और उपर से ही सब हुआ है । लेकिन क्या उपर के अधिकारियों को ये बात नहीं पता होनी चाहिए कि एटीआर में तालाब कोर जोन में बन रहे हैं या बफर में । जब एनटीसीए की गाईड लाईन कोर जोन के लिए स्पष्ट है तो फिर टेंडर के समय इनका ध्यान क्यों नहीं रखा जाता है ।
एक अन्य जानकारी के अनुसार टाईगर रिजर्व में एनटीसीए ,सीसीएफ वाईल्ड लाईफ और फिल्ड डायरेक्टर तीनों के साथ अनुबंध होता है । और तीनों की ही जिम्मेदारी टाईगर रिजर्व के मेंटेन की होती है । लेकिन यहां जिस प्रकार से काम हो रहे हैं उससे लगता है कि तीनों ही सेक्टर कोर जोन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा को नजर अंदाज कर रहे हैं ।
हमने एनटीसीए के सेंट्रल जोन के कार्यालय से भी इस बारे में संपर्क करने की कोशिश की लेकिन कार्यालय के फोन बजते ही रहे ।