कोरबाकरगी रोडछत्तीसगढ़ राज्यपेंड्रा रोडभारतमरवाहीरायपुर

मरवाही विधानसभा में विधायक के खिलाफ 27 लोगों का गठबधन ।

वर्तमान विधायक से नाराज लोगों ने संगठन से स्थानीय प्रत्याशी की मांग की ।

विधायक ने कहा कहीं कोई विरोध नहीं है , टिकट मांगने का सभी को अधिकार ।

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 28.08.2023

बिपत सारथी

मरवाही – प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तारीख जैसे जैसे करीब आ रही है वैसे वैसे सभी पार्टियों में विरोध और टिकट की मांग करने वाले सामने आने लगे हैं । अभी तक प्रदेश और राश्ट्रीय स्तर पर ही गठबंधन देखने को मिलता रहा है लेकिन इस बार मरवाही विधान सभा में कांग्रेस के 27 नेताओं ने विधायक के के धु्रव के खिलाफ गठबंधन कर लिया है और संगठन से मांग की है कि इस बार स्थानीय प्रत्याशी को टिकट दिया जाए और वर्तमान विधायक के बदले इन 27 में से किसी को भी टिकट दे दे ।

छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल सीट मरवाही विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है ऐसे में मरवाही विधानसभा सीट से एक बार फिर क्षेत्र में सालों से कांग्रेस का झंडा बुलंद करने वाले एक दो नहीं पूरे सत्ताईस लोगों ने आला कमान से टिकट की मांग करते हुए गेंद को आलाकमान के पाले में डाल दिया है । कांग्रेस के ये सत्ताईस दावेदान वर्तमान विधायक के के धु्रव की जगह स्थानीय कार्यकर्ता में से किसी को टिकट देने की मांग कर रहे हैं ।

मीडिया से बात करते हुए दावेदारों ने कहा कि यह मांग वर्तमान मरवाही विधायक डॉक्टर के के धु्रव के विरोध में है। जिनके कार्याकाल से हम संतुष्ट नहीं हैं,विधायक के कार्यकाल में मरवाही क्षेत्र नेतृत्व विहीन हो गया है, इसलिए क्षेत्र को एक स्थानीय नेता चाहिए। अगर वर्तमान विधायक को छोड़कर 27 में से किसी एक दावेदार को कांग्रेस प्रत्याशी घोषित करती है तो सभी लोग पूर्ण समर्थन करेंगे। अब देखने वाली बात काफी दिलचस्प होगा कि हाई प्रोफाइल मरवाही विधानसभा सीट से कांग्रेस के इन स्थानीय 27 दावेदारों में से किसी एक को टिकट मिल पाता है या नहीं देखने वाली बात है ।

वैसे इस सीट में कांग्रेस के अंदर इस खींचतान से भाजपा और जनता कांग्रेस के चेहरे खिले हुए हैं । स्व.अजीत जोगी के मरवाही विधायक बनने के बाद से यहां भाजपा का सुपड़ा साफ होते रहा है लेकिन पिछले उपचुनाव में मरवाही को फिर से कांग्रेस ने अपने कब्जे में ले लिया था और इसका एक बड़ा कारण इस चुनाव में जोगी परिवार का नहीं होना था यदि इस बार भी वैसा ही कुछ समीकरण बैठा तो सीधी लड़ाई कांग्रेस और भाजपा में होगी ऐसे में भाजपा की नजर इन्हीं सत्ताईस विद्रोहियों पर लगेगी और कांग्रेस के सामने सीट बचाने के साथ ही असंतोष को संभालने का भी होगा ।

 

 

Related Articles

Back to top button