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सलनी महाविद्यालय का एक और गड़बड़झाला आया सामने ,कालेज का भृत्य स्कूल में व्याख्याता ।

स्कूल में जो शिक्षक वही महाविद्यालय में भी शिक्षक ।

एक ही व्यक्ति समिति का अध्यक्ष ,स्कूल का प्राचार्य और कालेज का प्रिसिंपल भी ।

 


मंगलवार 05.07.2022

जांजगीर – जांजगीर जिले के जैजैपुर में संचालित के टी सी कालेज प्रबंधन का एक और गड़बड़झाला का मामला सामने आया है और इस गड़बड़झाला ने जांजगीर जिले में शिक्षा के स्तर को सामने लाने के साथ ही जिले के शिक्षा अधिकारियों के काम काज पर भी सवालिया निशान लगा दिया है ।


सलनी में ग्राम देवी शिक्षण समिति के द्वारा एक स्कूल और महाविद्यालय का संचालन किया जा रहा है और मजे की बात ये है की इन दोनो जगह के स्टाफ लगभग एक ही है ।इससे भी मजेदार करनामा तो ये है की जो व्यक्ति कालेज में चपरासी है वही व्यक्ति स्कूल में व्याख्याता है । जांजगीर के जैजैपुर विकास खंड के सलनी में चल रहे इस शिक्षा संस्थान के कारनामों ने जांजगीर के पोरा बाई कांड की याद दिला दी है ।

राजू सिदार के भृत्य के रूप में पदस्थ होने का पत्र ।

इस शिक्षा संस्थान में अध्यक्ष बंसीलाल जी चंद्रा है लेकिन पूरा काम उनके बेटे आशुतोष चंद्रा देखते है यहां तक तो ठीक है लेकिन आशुतोष चंद्रा एक ही समय में स्कूल के प्राचार्य भी है उसी समय में ये कालेज के प्रिंसिपल भी है और इसी समय ये समिति के अध्यक्ष के रूप में भी हस्ताक्षर भी करते आ रहे हैं ।

सबसे बड़ी खामी तो ये है की कालेज में परिसीमन 27 के जरिए जिस राजू सिदार की नियुक्ति चपरासी के रूप में हुई है वही राजू सिदार स्कूल के व्याख्याता के रूप में भी कार्यरत है । इस पूरे मामले की शिकायत कालेज के प्राचार्य मनोज झा ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी जैजैपुर से भी लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई ।

    स्कूल में स्टॉफ की जानकार जिसमें राजू सिदार      व्याख्याता के पद पर कार्यरत है ।

इस संबंध में जैजैपुर के बी ई ओ से बात की गई तो उनका कहना था – ये गंभीर मामला है शिकायत प्राप्त हुई है जल्द ही जांच समिति का गठन करके पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी ।

केटीसी कॉलेज ने अपने नियमित प्रिंसिपल मनोज झा को नियम के विरूद्ध जाकर एक तरफा कार्यवाही करते हुए निष्काषित कर दिया है । इस संबंध में मनोज झा का कहना था – मैं जब 2018 में कालेज में प्रिसिंपल के रूप में पदस्थ हुआ उसके पहले तक कालेज के प्राचार्य के रूप में आशुतोष चंद्रा ही हस्ताक्षर करते थे इसी समय ये समिति द्वारा संचालित एक स्कूल के प्राचार्य के रूप में हस्ताक्षर करते थे । इस समिति द्वारा संचालित स्कूल और कालेज में बहुत से एक ही स्टाफ कार्यरत हैं और गंभीर बात तो ये है कि कॉलेज का भृत्य स्कूल में व्याख्याता के रूप में पदस्थ है ।

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