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ATR -अचानकमार की जिप्सी तितली खोजने में लगी सफारी करने आए पर्यटक भटकते रहे ।

आने वाले समय में हो सकता है टाईगर रिजर्व में तितली ही देखने को मिले ।

ऐसे में तो हो गया टाईगर रिजर्व का बंटाधार ।

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 05.12.2022

Sanjeev Shukla

बिलासपुर – प्रदेश में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो जंगल और जंगल को समझने और घुमने के शौकिन हों । ऐसे लोग कई कई किलोमीटर की दुरी से जंगलों में घुमने आते हैं । ऐसा ही एक जंगल है मुंगेली जिले में स्थित अचानकमार टाईगर रिजर्व । यहां के अधिकारियों की बात सुनेंगे तो लगेगा कि ये देश का सबसे बढ़िया टाईगर रिजर्व है । लेकिन जब एक बार यहां आ जाओ तो सारी गलतफहमी दूर हो जाती है ।


कल अचानकमार टाईगर रिजर्व की सफारी करने डोंगरगढ़ से कुछ पर्यटक यहां आए उन्हें नहीं पता था कि टाईगर रिजर्व में इन दिनों तितली खोजने का काम चल रहा है और सारी जिप्सी उसी में व्यस्त है । पर्यटकों को शिवतराई चेक पोस्ट में कोई भी सहीं जानकारी प्राप्त नहीं हुई यहां मौजूद स्टॉफ ने काफी देर तक उन्हें चेक पोस्ट पर ही खड़े रखा क्योंकि सहीं जानकारी देने वाला यहां कोई नहीं था ।


बाद में उन्हें ये कह कर अंदर भेज दिया गया कि अंदर चले जाईए वहां से जिप्सी मिल जाएगी । पर्यटकों का दल अंदर चले गया लेकिन वहां उन्हें पता चला कि कोई जिप्सी खाली नहीं है क्योंकि सभी तितली मीट में लगी हुई है । इसके बाद पर्यटक अमरकंटक घुमने निकल गए ।


एक पर्यटक ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि – हम तो अचानकमार टाईगर रिजर्व घुमने आए थे । शिवतराई चेक पोस्ट से हमें अंदर भेज दिया गया कि वहां से जिप्सी मिल जाएगी लेकिन यहां आने के बाद पता चला कि सफारी बंद है और सभी जिप्सी तितली मीट में लगी हुई है । हम यहां से वापस जाने वाले थे तो भी काफी दिक्कत हुई कोई वापस भी जाने नहीं दे रहा था फिर हम अमरकंटक आ गए ।

इस संबंध में जब अचानकमार के डिप्टी डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा से जानकारी चाही गई तो उनका कहना था कि – ये मामला उन्हें नहीं पता है । तीन दिन से सारी जिप्सी तितली मीट में लगी हुई थी इसलिए सफारी बंद थी अब कैसे शिवतराई वालों ने उन्हें अंदर भेज दिया ये पता करना होगा ।

अब यदि एटीआर प्रबंधन ऐसे कारनामें करेगा तो निश्चित ही बहुत जल्द ही इसका बंटाधार अधिकारी करवा देंगे ।
यदि तितली मीट ही करना था और इसके कारण सफारी बंद रखनी थी तो प्रबंधन को पहले ही इसकी जानकारी लोगों को देनी चाहिए ताकि दूर से आने वाले पर्यटकों को असुविधा न हो । एटीआर में कोई पीआरओ भी नहीं है जो इन सबकी जानकारी लोगों को दे सके । अब पता नहीं एटीआर में तीन दिन में खोजी दलों ने कितने प्रकार की तितली खोज डाली और क्या पता आने वाले समय में टाईगर रिजर्व में यहां का प्रबंधन पर्यटकों को तितली की दिखाने लगे ।

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