धन्य हो गुरूजी – संकुल समन्वयक अपने ऑफिस में बच्चों से लगवा रहे पोंछा I
कोटा ब्लाक के बानाबेल संकुुल में दिखा अजब नजारा ।
दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 01.03.2023
सूरज गुप्ता
कोटा – विकासखंड कोटा में शिक्षा का स्तर उँचा हो ना हो लेकिन कुछ स्कूलों के शिक्षक और संकुल समन्वयक के कारनामें उँचे जरूर है और इन्ही कारनामों की वजह से कहीं ना कही इनकी फजीहत भी होती है लेकिन इन्हे कोई फर्क नही पड़ता क्योंकि ये जानते विकासखंड आफिस से शोकाज नोटिस जारी होगा उसका जवाब दे दिया जायगा कुछ होना नही है और बाद में सेटिंग हो जाएगी ।
ये पूरा मामला कोटा विकासखंड के बानाबेल संकुल का है जहां स्कूल पढने आई छात्राओं को पढाई छोड़ संकुल समन्वयक चंद्रप्रकाश सिंह पैकरा अपने ऑफिस में पोछा लगवा रहे है जबकि स्कूल में सफाई कर्मी है उसके बावजूद बच्चों से पोंछा लगवाना शिक्षा विभाग को शर्मसार कर रहा है ।
शिक्षकों और संकूल समन्वयक की जवाबदारी बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर एक श्रेष्ठ नागरिक और देश का भविष्य तैयार करने की होती और उसके लिए सरकार इन्हे मोटी रकम भी देती है ना कि पोंछा लगवाने के लिए । और ऐसा ही मामला बेलगहना प्राथमिक शाला का भी है जहां पदस्थ शिक्षिक श्वेता तिवारी बच्चों से टेबल क्लाथ धुलवा रहीं थी जो कैमरे में कैद करने के बाद उसके बारे में जब जानने की कोशिश की गई तो श्वेता तिवारी का बेतूक जवाब सामने आया और वह कहती है कि आपको जो छापना है छाप दीजिए मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता ज्यादा से ज्यादा खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा मुझे नोटिस दिया जाएगा और मैं नोटिस का जवाब दे दूंगी नोटिस का जवाब मुझे देना आता है ।
लेकिन इस तरह से गरीब बच्चों से स्कूलों के काम कराना पोंछा लगवाना, सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली और विकासखंड के जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रश्न चिन्ह लगाता है ।
सरकार का स्लोगन है “स्कूल आ पढे़ बर जिंदगी ला गढे़ बर” तो ऐसे में ये स्लोगन कैसे पूरा होगा कैसे बच्चे आगे बढेंगे कैसे नौनिहालों का भविष्य उज्जवल होगा ये भी विभाग को गंभीरता से सोंचना होगा ।
बहरहाल कोटा ब्लाक के कई स्कूलों की स्थिति बहुत दयनीय है मोटी मोटी तनख्वाह पाने वाले टिचर किस तरह से कार्य करते है और बेफिक्र होकर अपने कारनामों के जवाब देते है इससे भी कई सवाल खडे होता है इन पर उच्चअधिकारियों का कोई लगाम नही है नही कोई डर है इसलिए तो ये निडर है और मनमर्जी से कार्य कर रहे है ।
संकूल समन्वयक चंद्रप्रकाश सिंह पैकरा से बच्चों से पोंछा लगवाने के बारें में पूछा गया तो उनका कहना था सफाई कर्मचारी है लेकिन काम ज्यादा होने के कारण बच्चों से थोडी़ सी सहायता ली गई है I