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भैंसाझार सरपंच पर अपने पति के नाम पर एक लाख अस्सी हजार रूपए आहरण का आरोप । शिकायत तो हुई लेकिन जांच नहीं ।

पंचायत में ना तो राज टेªडर्स के नाम पर दुकान है ना ही सहदेव राज किराना स्टोर्स लेकिन दोनों के नाम पर निकल गए लाखों रूपए ।
दोनों दुकान सरपंच पति के नाम पर ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 11.09.2021

करगीरोड कोटा – कोटा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भैंसाझार के सरपंच पर अपने पति के नाम पर लाखों रूपए की चेक काटे जाने को लेकर एसडीएम आफिस में शिकायत हुई है । शिकायत पत्र में कहा गया है कि पंचायत के द्वारा राज टेªडर्स के नाम पर दो चेक पहला बहत्तर हजार रूपए और दुसरा छयानबे हजार तीन सौ साठ रूपए कुल एक लाख अड़सठ हजार तीन सौ साठ रूपए , इसी प्रकार सहदेव राज किराना स्टोर्स के नाम पर ग्यारह हजार बीस रूपए का चेक काटा गया है जबकि गांव इस नाम से ना तो छड़ सिमेंट की दुकान है और ना ही किराने की । ये दोनों दुकान का प्रोप्राईटर भैंसाझार सरपंच का पति सहदेव राज है और सभी चेक उसके स्वयं के खाते में जमा हुए है ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार भैंसाझार पंचायत में राज टेªडर्स और सहदेव राज किराना स्टोर्स के नाम पर कोई भी दुकान संचालित नहीं है लेकिन सरपंच पति सहदेव राज ने इन दोनों दुकान के नाम पर लाखों के चेक कटवा लिए हैं और अपने खाते में जमा करवा लिए है । इस बात की शिकायत एसडीएम और सीईओ से की गई लेकिन इस मामले में जांच तक नहीं हुई ।

शिकायत पत्र में ये भी दर्शाया गया है कि वार्ड क्रमांक 18 के पंच भागीरथी मरकाम ने 1.03.2020 से 12.04.21 तक पंचायत में कराए जाने वाले कार्य और भुगतान की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत जनपद से मांगी गई थी लेकिन जनपद ने जानकारी देने की बजाए आवेदन को ग्राम पंचायत में लगाने की सलाह दे दी ।

 

जबकि सूचना के अधिकार कानून में स्पष्ट उल्लेख है कि यदि जानकारी आपके कार्यालय से नहीं दी जा सकती तो उसे संबंधित विभाग या कार्यालय को प्रेषित किया जाए । लेकिन जनपद पंचायत कोटा ने इस नियम की अनदेखी करते हुए आवेदक से कहा कि ग्राम पंचायत में भी सहायक जन सूचना अधिकारी है इसलिए आवेदन को वहीं दिया जाए ।

इसके बाद आवेदक ने 16.06.2021 को ग्राम पंचायत में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी के लिए आवेदन लगाया । इसके बाद पंचायत ने आवेदक को 16 .06.21 को पत्र भेजा कि 24.06.21 को पंचायत भवन आकर चाही गई जानकारी ले लेवें । लेकिन जब 24 तारीख को आवेदक पंचायत पहुंचा तो उसे फिर एक लेटर थमा दिया गया कि पंचायत के सारे कागजात और फाईल पूर्व सचिव दशरू मरावी ने जांच के लिए भेज हुए हैं इसलिए जैसे ही रिकार्ड आएगा जानकारी दे दी जाएगी । उसके बाद से आज तक पंचायत ने ये जानकारी आवेदक को नहीं दी ।

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