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CG School Education – छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था का बंटाधार करते शिक्षक I

नियमित शिक्षक गायब ,,गांव की एक युवती के भरोषे स्कूल के बच्चे ।
स्कूल के बोर्ड में अभी भी राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी तो मुख्यमंत्री डा रमन सिंह ।

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 12.10.2022

विकास तिवारी / रामनारायण यादव

करगीरोड कोटा – छत्तीसगढ़ में पूरे सत्र हड़ताल के मोड में रहने वाले शिक्षक अपने कर्तव्य के प्रति कितने गंभीर रहते हैं ये स्कूल में जाने के बाद समझ आ जाता है । कोटा विकासखंड के कई स्कूलों की हालत बहुत खराब है । इन स्कूल के शिक्षक ना स्कूल के रखरखाव की जिम्मेदारी निभा पा रहे हैं और ना ही बच्चों की पढ़ाई की ।


कोटा विकासखंड के दो स्कूलों में कल जो स्थिति दिखी उससे इतना तो समझ आ गया कि यहां सरकार से मोटी तनख्वाह लेने वाले शिक्षकों के भरोषे स्कूल और स्कूल में अध्ययनरत बच्चों का भविष्य कैसा होगा । प्रदेश में भूपेश बघेल की सरकार बने तीन साल से ज्यादा का समय हो गया और प्रदेश में मुख्यमंत्री जी कका के नाम से प्रसिद्ध हो गए लेकिन तीन साल बाद भी एक स्कूल के बोर्ड में मुख्यमंत्री के नाम के सामने डा रमन सिंह का ही नाम लिखा हुआ है । इसी संकुल के दुसरे स्कूल में गांव की पढ़ी लिखी लड़की अकेले बच्चों को पढ़ा रही है और यहां के दोनों स्थायी शिक्षक गायब थे ।

ये स्कूल हैं कोटा विकासखंड के बहेरामुड़ा संकुल के प्राथमिक शाला खरकनी खोला में गांव की एक लड़की के जिम्मे स्कूल छोड़ कर दोनों शिक्षक सेवक लाल जायसवाल और अमित कुमार अग्रवाल गायब हो गए । यहां एक कक्षा में गांव की युवती अश्वनी कश्यप पढ़ा रही थी तो दुसरे में कक्षा की ही एक छात्रा अपने साथियों को पढ़ा रही थी ।

इसी संकुल के दुसरे स्कूल शासकीय प्राथमिक विद्या मंदिर बहेरामुड़ा में तो स्थिति और खराब थी यहां के भी दोनों शिक्षक प्रदीप पंद्रो और एक दूसरे शिक्षक एक युवक के भरोषे स्कूल छोड़कर गायब थे । पता चला कि एक शिक्षक बिलासपुर और दूसरे तहसील के काम से गए हुए है ।

इसी स्कूल में स्कूल में एक दिवाल में भारत के प्रमुख परिचय करके कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है । इस बोर्ड में अभी तक राष्ट्रपति के नाम के सामने प्रणव मुखर्जी का नाम लिखा है जबकि वर्तमान मुख्यमंत्री के पदनाम के सामने डा रमन सिंह का नाम लिखा हुआ है ।

अब समझ सकते हैं कि यदि यहां के छोटे बच्चे इस बोर्ड में दी गई जानकारी ही रट लें और उनसे अभी राष्ट्रपति और प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम पूछा जाए तो वे क्या जवाब देंगे । अभी तक इस स्कूल में जानकारी को अपडेट नहीं करना यहीं दर्शाता है कि यहां के शिक्षकों को ने भी कभी इस बोर्ड को पढ़ने और उसे ठीक करने की जरूरत नहीं समझी । सवाल ये भी उठता है कि क्या संकूल समन्वयक , एबीओ और बीईओ ने कभी इस स्कूल का दौरा किया या नहीं ? यदि किया तो फिर ये गलती अभी तक सुधारी क्यों नहीं गई ? और नहीं किया तो फिर उन्हें करना चाहिए ?

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