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नई शिक्षा नीति के साथ जुड़ते डा सी वी रामन विश्वविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में स्थापित किया नया किर्तीमान , पाया ए ग्रेड ।

शिक्षा के साथ ही कौशल विकास पर फोकस , डिग्री के साथ रोजगार मूलक स्किल भी ।


दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 23.01.2024

करगीरोड कोटा – शिक्षा किसी भी देश और समाज के विकसीत होने की पहली सीढ़ी , शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व को संवारती और उसके आगे बढ़ने का रास्ता तैयार करती । शिक्षा जितनी सरल , सहज और गुणवत्तापूर्ण होगी व्यक्ति ,समाज और देश उतना ही विकसीत होगा । आज के समय की ये जरूरत है कि शिक्षा नीति ऐसी हो जो ना सिर्फ कम खर्चीली हो , सरल हो और जिससे सिर्फ डिग्री प्राप्त ना हो बल्कि रोजगार के साधन भी बने ।

देश में वन नेशन वन एजुकेशन की बात जोरो पर चल रही है और केंद्र सरकार भी इसके प्रति गंभीर नजर आ रही है । ऐसे में छत्तीसगढ़ के कोटा में स्थित डा सी वी रामन विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में नए सोपान तय कर रहा है । हाल ही में हुए नैक के रैंक में इसे प्रदेश का पहला ऐसा निजी विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त हुआ है जिसे ए रैंक हासिल हुआ है ।


2006 में जब डॉ.सी.व्ही. रमन विश्वविद्यालय की स्थापना आदिवासी बाहुल क्षेत्र कोटा में हुई तो शायद किसी ने सोचा भी नहीं था कि शिक्षा के क्षेत्र में नए क्रांति का उदय होने वाला है । विश्वविद्यालय ने आदिवासी अंचल के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को विशेषकर छात्राओं को विज्ञान, तकनीक, प्रबंधन, कला, साहित्य, संस्कृति एवं भाषा से जोड़ने का निरंतर प्रयास कर रहा है।


इसके साथ कौशल में दक्ष करने के बाद उद्यमी बनाकर स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य कर रहा है। यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा रही है। और. इस बात का ही परिणाम है, कि डॉ.सी.व्ही. रमन विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ए ग्रेड प्रदान किया गया है। सीवीआरयू नैक ए ग्रेड प्राप्त करने वाला प्रदेश का पहला निजी विश्वविद्यालय बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।

डॉ.सी.व्ही. रमन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि – “विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने अपने विद्यार्थियों की आवश्यकता और उनके भविष्य को सुरक्षित करने की मंशा से अनेक प्रकल्प भी विकसित किए है। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को वैश्विक बाजार से कौम्पिट करने के लिए एवं आत्मनिर्भर भारत में अपने योगदान देने के लिए भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रदत्त इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया गया है। जो नए उद्यमी तैयार करने व स्वरोजगार स्थापित करने के लिए सहायता करता है। इसी तरह भारत सरकार द्वारा विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री कौशल केंद्र भी प्रदान किया गया है। जिसमें विश्वविद्यालय के विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ कौशल में भी दक्ष हो रहे हैं, इतना ही नहीं, कौशल में दक्षता के बाद उन्हें नेशनल और इंटरनेशनल जॉब भी विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किया जाता है।”

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