
सी वी रमन विश्वविद्यालय के डायरेक्टर और कुलसचिव पर महिला ने लगाए गंभीर आरोप ।
थाने में गंभीर धाराओं पर केस दर्ज लेकिन आरोपियों ने ले ली अग्रीम जमानत ।
दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 12.08.2021
बिलासपुर /करगीरोड कोटा – प्रदेश के सबसे बड़े निजी विश्वविद्यालय के साथ ही बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाने का दावा करने वाले डा सी वी रमन विश्वविद्यालय के दो प्रमुख अधिकारियों पर कोटा थाने में 354 , 354 क और 34 जैसी गंभीर धाराओं पर मामला दर्ज किया है । पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करती उससे पहले ही आरोपियों ने कोर्ट से अग्रीम जमानत ले ली ।
सवाल ये भी उठता है कि आखिर डेढ से दो माह पहले का इतना संगीन मामला दबा कैसे रह गया ? यदि सी वी रामन विश्वविद्यालय के इन होनहार अधिकारियों की जगह कोई सामान्य व्यक्ति रहता तब भी पुलिस इतनी ही संवेदना और गोपनियता रखती ? क्यों ये मामला इतने दिनों तक सामने नहीं आ पाया ? महुआ दारू पकड़ने में माहिर पुलिस को ये आरोपी क्यों नहीं दिखे ?
पूरा मामला कोटा स्थिति डा सी वी रमन विश्वविद्यालय का है । विश्वविद्यालय की एक महिला प्राध्यापक ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार गौरव शुक्ला और डिस्टेंस डायरेक्टर अरविन्द तिवारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए सरकंडा थाने में शिकायत की इसके बाद सरकंडा थाने ने जीरो पर रिपोर्ट दर्ज करते हुए फाईल को कोटा थाने भेज दिया जहां पर इन दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 ,354 (क) और 34 पर अपराध पंजीबद्ध कर लिया । ये लगभग एक से डेढ़ माह पहले की बात है ।
मामला चूंकि हाईप्रोफाईल और बड़े लोगों से जुड़ा था इसलिए पुलिस ने भी इसमें कोई जल्दबाजी नहीं की और इस बीच इन दोनों ने कोर्ट से अपनी अग्रीम जमानत करवा ली ।

पीड़ित महिला का कहना है कि पिछले तीन माह से उसे वेतन नहीं दिया गया है इसी बारे में जब 15 जून को वो बात करने विश्वविद्यालय गई तो कुलसचिव गौरव शुक्ला और अरविंद तिवारी ने उसके साथ अश्लील हरकत की । जिसके बाद पीड़ित महिला ने गौरव शुक्ला और अरविंद तिवारी के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई है । इस मामले को लेकर महिला ने महिला आयोग में भी गुहार लगाई है ।
बच्चों का भविष्य तराशने वाले शिक्षण संस्थान पर इस तरह के आरोप काफी गंभीर हैं तथा आने वाले समय में विश्वविद्यालय का भविष्य भी तय करेंगे कि जहंा के कुलसचिव और डायरेक्टर इस तरह के हो वहां कोई बच्चा कैसे अपनी पढ़ाई करेगा ? आज जिन जिम्मेदारों ने वेतन के लिए किसी के साथ ये हरकत की है क्या वे आगे भी ऐसी हरकत नहीं करेंगे ? विश्वविद्यालय की साख पर जो बट्टा लगा है उसे विश्वविद्यालय कैसे दूर करता है देखना होगा ।