Education-कोटा के प्रतिष्ठित हिंदी मीडियम स्कूल की समाधी पर स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की नींव ।
क्या कोटा के सबसे पुराने हिंदी मीडियम स्कूल की बली लेना जायज ।
सरकार को चाहिए कि हिंदी मीडियम स्कूल को बेहतर बनाते हुए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल को स्थापित करे ।
दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 25.01.2022
संजीव शुक्ला
कोटा/बिलासपुर – बिलासपुर का आदिवासी बाहुल्य विकासखंड कोटा और कोटा की पहचान यहां का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित हिंदी माध्यम का स्कूल दयाल भाई खुशाल भाई पटेल यानी डी.के.पी. स्कूल । शहर के पटेल परिवार ने क्षेत्र के बच्चों के बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए अपनी लगभग सात एकड़ जमीन स्कूल और उसके मैदान के लिए दान कर दी । कुछ समय तक ये स्कूल नगर पालिका उस समय नगर पंचायत नगर पालिका हुआ करता था के अधीन चली बाद में सरकार ने इसे अधिग्रहित करते हुए शासकीय कर दिया और उसके बाद से तमाम सुविधाएं यहां शिक्षा की बेहतरी के लिए होते गई ।
लेकिन पिछले साल छत्तीसगढ़ सरकार ने हर विकासखंड में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू करने की बात कही ताकि प्रदेश के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में भी अच्छी शिक्षा उपलब्ध हो सके । साथ ही अंग्रेजी माध्यम के नाम पर प्रायवेट स्कूलों पर भी कुछ लगाम लग सके । शिक्षा के लिए होने वाली हर पहल का स्वागत है । और हर सरकार को अपने प्रदेश के बच्चों को उच्च स्तर की शिक्षा कम से कम खर्च में उपलब्ध करवाना चाहिए ।
जब स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की घोषणा हुई तो लगा कि सरकार इन स्कूलों के लिए पृथक से बिल्डिंग बनवाएगी , पृथक से ही शिक्षकों की नियुक्ति होगी और इन स्कूलों का पूरा सेटअप ही अलग होगा । लेकिन समय के साथ साथ जो दिखाई दे रहा है वो चिंताजनक है ।
सरकार ने विकासखंड में इन स्कूलों को स्थापित करने के लिए पुराने शासकीय स्कूलों को ही मोडिफाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है । कोटा विकासखंड में भी यहां के सबसे प्रतिष्ठित और हिंदी माध्यम के सबसे बड़े स्कूल डी.के.पी की बली स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के लिए होने वाली है ।
ऐसे में कई सवाल सामने आने लगे हैं जैसे सालों से इन स्कूलों में हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राओं का क्या होगा ? आस पास के गांव से यहां सैकड़ों की संख्या में पढ़ने आने वाले बच्चों का क्या होगा ? और जो सस्ती शिक्षा इन गांव के बच्चों को मिलती थी उसका क्या होगा ? और क्या जिन्होंने इस स्कूल के लिए अपने जमीन दान दी और जिनके नाम पर स्कूल पड़ा उसका क्या होगा ?
सरकार अंग्रेजी माध्यम के अच्छे स्कूल खोले ये अच्छी बात है लेकिन अंग्रेजी माध्यम के लिए अपनी मातृ भाषा के हिंदी स्कूलों को खतम किया जाए ये पहल अच्छी नहीं हो सकती ।
कोटा में डीकेपी स्कूल के सामने दो बिल्डिंग हैं जहां पर स्वामी आत्मानंद स्कूल संचालित हो सकते हैं और डीकेपी स्कूल के पुराने भवन में हिंदी माध्यम के स्कूल वैसे ही संचालित हो सकती है जैसा दशकों से होते आई है । इससे अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई के साथ ही हिंदी माध्यम की पढ़ाई भी बिना अवरोध के हो सकेगी ।
कोटा में हिंदी माध्यम के डीकेपी स्कूल के खतम होने का मतलब होगा शिक्षा के एक युग का अंत होना । और आने वाली पीढ़ी के लिए हिदी माध्यम के एक बेहतरीन स्कूल का खात्मा । और ऐसे में हम अपनी मातृ भाषा में शिक्षा देने वाली संस्था के अंत के गवाह बनने वाले हैं ।