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या तो बंद कर दो क्वांरटाईन वाली नौटंकी या कड़ी हिदायत दी जाए जिम्मेदार अधिकारियों को ।

कोरोना पीड़ित का क्वारेनटाइन परिवार जरूरत की चीजों को तरस रहा ।

जिम्मेदार अधिकारीयों को अपनी जिम्मेदारी से कोई सरोकार नही परिवार ने मिडिया से मांगी मदद ।

पुलिस ने कहा घर से मत निकलना कोई ।

तहसीलदार का कहना मैं क्या करूं जो जिम्मेदार हैं उन्हें फोन करें ।

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार – 12.08.2020

 

सुमन पाण्डेंय

बेलगहना कोरोना संक्रमण काल में जितनी गाईड लाईन बदली है उतनी शायद ही कभी बदली हो । पहले यदि किसी गांव में कोरोना पाजिटिव पाया जाता था तो पूरा गांव सील हो जाता था फिर उस मोहल्ले को किया गया उसके बाद अब पाजिटिव केस के आस पास के पांच दस घरों को क्वारंटाईन किया जा रहा है । चोैदह दिनों के इस क्वारंटाईन काल में चार पांच अधिकारियों की एक समिति बना दी जाती है जो इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई के लिए जिम्मेदार होते हैं । लेकिन ये अधिकारियों की समिति सिर्फ ढकोसला होती है जो अधिकारी आम दिनों में लोगों के फोन नहीं उठाते वो खाक क्वारंटाईन हुए लोगों के फोन उठाएंगे ।


बीते 10 तारीख को बेलगहना नगर में एक सब्जी व्यापारी युवक जांच में कोरोना पाजिटिव पाया गया था उसे स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बिलासपुर कोविड अस्पताल में दाखिल करा दिया गया है साथ ही प्रशासन ने उसके परिवार को उनके ही घर में क्वारेनटाइन कर दिया है जो इस परिवार के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है क्योंकि इस परिवार में छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग व्यक्ति भी है जिनको दैनिक जरूरतों के आवश्यक सामाग्री की किल्लत हो गयी है इस परिवार का कहना है कि अचानक से हमें क्वारेनटाईन होना पड़ा इसलिए हम रोजाना की जरूरतों के सामान नही जुटा पाये थे और अब प्रशासन हम लोंगों को घर में बंद करके भूल गयी है हमें आपातकाल में या अति आवश्यक चीजों के लिए जिन अधिकारियों से सम्पर्क करने को कहा गया था वे हमारा फोन तक नही उठा रहे हैं इस परिवार के एक सदस्य ने हमें फोन कर बताया कि तहसीलदार बेलगहना से मदद के लिए फोन करने पर उन्होन कहा कि मै आपकी कोई मदद नही कर पाउंगा जो इस काम के लिए नियुक्त किये गये हैं आप उनसे मदद के लिए कहें ।


इसके बाद उन्होने एसडीएम कोटा एवं जनपद सीईओ कोटा से सम्पर्क के लिए फोन लगाया तो किसी का फोन बंद तो किसी ने उठाया नही । इस प्रकार संकट से मजबूर होकर इस परिवार ने नगर के मिडिया वालों से गुहार लगाई है कि उनकी मदद की जाए परिवार में उनके यहां छोट-छोटे बच्चे है और दूध,राशन आदि जरूरी सामान भी नही है जो परिवार पूरे कोरोना काल में लोगों के लिए सब्जीयों की आपूर्ति करता रहा आज खुद सब्जी को तरस रहा है । लोगो की ये शिकायतें भी है कि बेलगहना तहसीलदार जिस दिन किसी का फोन उठा लें उस दिन त्योैहार से कम नहीं होता । कोटा जनपद की सीईओ तो माशाअल्लाह है आज तक किसी क्वारंटाईन सेंटर में या एरिया में इनका दौरा नहीं हुआ जब भी फोन लगाओं या तो बंद होगा या फोन उठेगा नहीं ।

हेल्पलाईन नम्बर , प्रशासन की मदद , और अधिकारियों की ये समिति ये सब सिर्फ सुनने की बातें है हकीकत में ये सब दूर की कौड़ी है इसलिए आप सचेत रहें और आने वाले संकट के लिए स्वयं को तैयार रखें व्यवस्था बनाकर चलें अगर कल को आप इस मुसीबत में पड़ जाये ंतो अपनी मदद खुद कर सकें कम से कम प्रशासन के भरोसे न रहें अगर प्रशासन के भरोसे रहेंगें तो करोना से बच भी जाएं भूख से मर जाएगें ।


दौर ये है कि सारे प्रशासनिक अधिकारी संवेदनहीन हो चले हैं और सरकार सिर्फ जुमलेबाजी कर रही है नगर में बने आज तक सारे कन्टेनमेंट एरिया में कोई अधिकारी जनता को देखने तक नही आया आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति दूर की बात है । जनता का बार बार उग्र होना, अधिकारियों में जनसेवा का आभाव, निरंकुशता, लोगों का फोन न उठाना ये दौर इस अंदेशे की ओर संकेत कर रहा कि जनता फिर से जयप्रकाश नारायण के आंदोलन जैसे किसी आंदोलन को तैयार हो रही अधिकारियों मनमानी छोड़ो कि जनता आती है।

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