बायसन की मौत को स्वाभाविक बता रहे तो भालू की मौत से साफ इंकार , सहीं भी है कैसे मान लें कि ऐसा हुआ है ?
दबंग न्यूज लाईव
रविवार 28.03.2021
Sanjeev Shukla 7000322152
बिलासपुर – अचनाकमार के बफर जोन के कर्राघाट में बायसन की मौत की खबर वहां दिन रात गश्त का दंभ भरने वाले अधिकारियों को ही नहीं थी । मंगलवार 23मार्च की शाम जब दबंग न्यूज लाईव ने इस खबर को प्रकाशित किया तो एटीआर के अधिकारियों में हडकंप मच गया और सभी घटना स्थल की तरफ भागे । खबर सौ प्रतिशत सहीं थी बायसन उसी जगह मरा मिला जहां बताया गया था । दुसरे दिन बायसन का पोस्टमार्टम किया गया और उसकी मौत को डाक्टरों की टीम ने स्वाभाविक मौत बता दिया ।
इस मामले में विभाग ने तीन अधिकारी कर्मचारी को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है । नोटिस के बाद क्या जवाब दिया गया और दिया भी गया कि नहीं इसकी जानकारी नहीं है क्योंकि कोई भी उच्च अधिकारी काल रिसिव ही नहीं करते ।
बायसन की मौत की खबर जितनी सहीं थी उतनी ही सहीं भालू की मौत भी है लेकिन अधिकारी इस बात को मात्र अफवाह बताकर मामले को रफा दफा कर रहे हैं । जिस दिन भालू की मौत की खबर प्रकाशित हुई उस दिन से दो दिन सिर्फ भालू की लाश को ढुंढने का नाटक एटीआर प्रबंधन करता है । इस बीच उच्च अधिकारी से लेकर निचले स्तर तक के अधिकारी एटीआर में मौजूद रहे ।
अधिकारियों को ये समझना चाहिए कि सच्चाई से इस तरह आंख बंद कर लेने से मामले ना तो सुलझते हैं और ना ही आने वाले समय में ऐसी घटनाएं कम या बंद हो सकती है । इसलिए आंख कान खोलकर सच्चाई को स्वीकारना चाहिए और आने वाले समय में वन्य प्राणियों के साथ ऐसे हादसे ना हो इसके इंतजाम करने होंगें । तभी एटीआर और उसमें रहने वाले वन्य प्राणी सुरक्षित रहेंगे सिर्फ रास्तों में वन्य प्राणीयों की सुरक्षा करें जैसे नारे लिखने से कुछ नहीं होना है ।
अधिकारियों को निर्माण कार्यों के दिगर वन्य प्राणीयों की सुरक्षा के लिए ठोस उपाय करने चाहिए । एटीआर की सीमाओं को सील करना चाहिए । एटीआर में शिकारियों पर नकेल कसनी चाहिए । लेकिन इतना सब ना करते हुए यदि सच्चाई से इस तरह भागेंगे तो आने वाले समय मे ंऔर भी वन्य प्राणीयों के इस तरह की मौत की खबर सामने आते रहेगी ।
वैसे भी सच भी है जिस देश में इंसान के मरने पर लोगों को फर्क नहीं पड़ता वहां ये मुक वन्य प्राणी मर जाएं तो किसे क्या फर्क पड़ना है I