चीतल का शव वन विकास निगम बेखबर ।
गांव वालों ने दी जानकारी तो समेटा गया , डाक्टर ने कहा पीएम के लायक नहीं ।
दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 08.04.2023
करगीरोड कोटा – बिलासपुर जिले में कोटा विकासखंड जंगलों और वन्य जीवों से भरा हुआ है लेकिन दुख की बात ये है कि यहां वन विभाग और वन विकास निगम के सारे अधिकारी और कर्मचारी जंगल और वन्य जीवों की सुरक्षा से आंख मुंदे रहते हैं । इसलिए हर समय यहां वनों में आग लगने और वन्य जीवों के शिकार के मामले सामने आते रहते हैं ।
ऐसा ही एक मामला भैेसाझार बीट के खरगहनी में सामने आया है । यहां कुछ लोगों ने चीतल के शव के साथ कुत्तों को खिंचतान मचाते देखा तो इसकी जानकारी वन विकास निगम के अधिकारियों को दी । जानकारी के बाद विभाग के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे तो वहां चीतल के शव के साथ कुुत्ते छिना झपटी कर रहे थे ।
कर्मचारियों ने कुत्तों को भगाया और चीतल के क्षत विक्षत शव को प्लास्टिक की बोरी में भर कर भैंसाझार नर्सरी ले आए । यहां पीएम के लिए कोटा से वेटनरी डाक्टर को बुलाया गया लेकिन डाक्टर की टीम ने शव को देखकर पीएम के लायक नहीं होना बताया । बाद में विभाग ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया और इस तरह ये मामला खतम हो गया ।
लेकिन इस घटना क्रम के बाद कई सवाल सामने आ रहे हैं जिसका जवाब अधिकारियों को देना चाहिए । पहला ये कि चीतल जंगल से निकलकर गांव की तरफ कैसे आ गया ? क्या पानी की तलाश में अब वन्य जीव जंगल से बाहर आने लगे हैं ? चीतल की मौत आखिर कैसे हुई ? क्या उसका शिकार किया गया या किसी जानवर ने उसे मारा ? आखिर तीन से चार दिन तक अधिकारी कर्मचारियों को इसकी भनक क्यों नहीं लगी ?
भैंसाझार जंगल में शिकार से इंकार नहीं किया जा सकता । पिछले समय भी यहां चीतल के शिकार का मामला सामने आया था और विभाग ने कुछ लोग को गिरफतार किया था ।
वन विकास निगम के रेंजर पियुष बजाज ने दबंग न्यूज लाईव को बताया कि – चीतल के शव का अधिकांश हिस्से को जानवर ,खा गए थे इसलिए डाक्टरों ने उसे पीएम के लायक नहीं समझा । हमने चीतल के शव का पंचनामा करने के बाद विधिवत उसका दाह संस्कार कर दिया गया है ।